पौधरोपण से होगा धरा का हरित श्रृंगार

आगरा: मानसून नजदीक आने के कारण लोगों ने धरा के हरित श्रृंगार को पौधरोपण की योजनाएं बनानी शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 May 2018 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 24 May 2018 06:00 AM (IST)
पौधरोपण से होगा धरा का हरित श्रृंगार
पौधरोपण से होगा धरा का हरित श्रृंगार

जागरण संवाददाता, आगरा: मानसून नजदीक आने के कारण लोगों ने धरा के हरित श्रृंगार को पौधरोपण की योजनाएं बनानी शुरू कर दी है। दैनिक जागरण के नियमित कार्यक्रम प्रश्न पहर में बुधवार को लोगों ने फोन कर योजनाएं व वृक्षारोपण की तरीके के बारे सवाल किए। आगरा कार्यालय में वन संरक्षण आगरा मंडल रमेश कुमार पांडे ने सभी सवालों के जवाब दिए। आगरा, मैनपुरी, फीरोजाबाद, मथुरा, एटा के लोगों मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना, मुख्यमंत्री कृषक वृक्ष धन योजना, मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी योजनाओं का लाभ लेने उपाय पूछे। सवाल: अपनी जमीन पर पौधे लगाने हैं इसके लिए क्या करना होगा? देवव्रत गौड़, बल्देवपुरी, मथुरा।

जवाब: इस समय पौधारोपण दो प्रकार से कर सकते हैं। एक तो सरकार की ओर से चलाए जा रहे अभियान के मध्यम से। जिसमें एक व्यक्ति को एक पौधा लगाना हैं। क्षेत्रीय उद्यान विभाग में इसके बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं। सरकार की योजनाओं के तहत पौधारोपण करते हैं, तो बजट में भी कमी आती है। पर्यावरण भी बेहतर होता है।

सवाल: विद्यालय में फुलवारी लगाने के लिए क्या करना होगा? रामलाल गुप्ता, फरह, आगरा।

जवाब: फुलवारी लगाने के लिए स्कूल के ग्राउंड (जिसमें फुलवारी लगाना चाहते हैं) की मिंट्टी की जांच पहले कराएं। ताकि बेहतर मिंट्टी होने से पौधे का विकास हो सके है। फुलवारी लगाने से पर्यावरण बेहतर होता है। जिसका सीधा फायदा बच्चों को मिलता है।

सवाल: मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना क्या है, इसका लाभ कैसे ले सकते हैं? रिक्की, खेरागढ़, आगरा।

जवाब: मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना के तहत आप अपनी जमीन में फलदार पौधरोपण कर सकते हैं। इसके तहत सरकार की तरफ से आपको संसाधन मुहैया कराई जाएंगे। किसानों को फलदार पौधे के साथ अलग-अलग भुगतान भी होगा। उन्हें लगाने के लिए गड्ढे की खोदाई भी मनरेगा के मजदूरों से होगी।

सवाल: नक्शे में बने रास्ते में पेड़ हैं। उन्हें काटने के लिए वन विभाग में आवेदन किया है, लेकिन अनुमति नहीं मिल रही है? तोताराम छाता, मथुरा।

जवाब: पेड़ काटने की अनुमति देने से पहले विभाग की टीम स्थल का निरीक्षण करती है। इसमें समय लगता है। सभी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही अनुमति मिल पाएगी। सवाल: मेंटल हास्पिटल के निकट पौधरोपण करना है। इसके लिए कौन सा पौधा, कब, किस प्रकार, लगाना है? टीआर भाटिया, शुभम अपार्टमेंट, हलवाई की बगीची।

जवाब: वन विभाग पौधों की व्यवस्था करेगा। लेकिन प्रत्येक नागरिक को एक-एक पौधा लगाना है। हास्पिटल के डॉक्टरों से बात करके पौधरोपण किया जाएगा।

सवाल: सूर सरोवर पक्षी विहार के आसपास कितने किलोमीटर के दायरे में गतिविधियां करने पर प्रतिबंध है? भीमजीत, गढ़ी भदौरिया, आगरा।

जवाब: सूर सरोवर पक्षी विहार जैसे सेंस्टिव जोन में गतिविधियों का दायरा लिखा होता है। वह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। हालांकि स्पष्ट होने पर दस किलोमीटर के दायरे में गतिविधि व उद्योग पर रोक लगी होती है।

सवाल: सड़क किनारे से बिजली की लाइन लगाने वाले ठेकेदारों अधिक संख्या में पेड़ों का कटान कर रहे है। उन पर कार्यवाही क्यों नहीं होती है? मनोज, कोटला, फीरोजाबाद।

जवाब: पेड़ काटने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। ठेकेदार पेड़ काटने की अनुमति लेते हैं। अगर बिना अनुमति के पेड़ों का कटान करते हैं। उसकी शिकायत वन विभाग में मिलने पर कटान रोका जाता है।

सवाल: तीन साल पूर्व सड़क चौड़ीकरण दौरान बहुत संख्या में पेड़ों को काटा गया था। क्या कारण रहा कि अभी तक वृक्षारोपण नहीं हो पाया है? विनीत जैन, मैनपुरी।

जवाब: हाईवे पर दस हजार पेड़ कटे थे। मैनपुरी में प्लानटेशन हुआ है। लेकिन हाईवे बनने के बाद नहीं हुआ। वहां पर लगाने की जगह नहीं है। क्योंकि वह चार लाइन का बनाने का प्रस्ताव हो गया था। इस कारण वृक्षारोपण नहीं पो हो पाया है। लेकिन उसके आसपास के लिंक रोड पर दस गुना वृक्षारोपण करने की परियोजना है।

सवाल: वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण पर विभाग रोक क्यों नहीं रोक लगा पाता? रवि सिंह आगरा।

जवाब: भारतीय वन अधिनियम 1927 के 61 बी के तहत वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण पर रोक लगाई जाती है। नौ महीने में 250 एकड़ भूमि को चिह्नित किया है। 20 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण मुक्त कराई है। वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण होता है, तो विभाग में जानकारी दें ताकि अतिक्रमण रोका जा सके। सवाल: बागवानी लगानी है। कैसे, कब और किस प्रकार लगाएं? संजीव, शाहगंज, आगरा।

जवाब: उद्यान विभाग में बागवानी लगाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें कृषकों के लिए प्रोग्राम चल रहे हैं। वन विभाग द्वारा नर्सरी के लिए प्रशिक्षण देता है। लेकिन बागवानी करने से पहले वहां की मिंट्टी व सचाई करने वाले पानी की जांच करानी चाहिए। ताकि पौधे को बेहतर बनाया जा सके।

सवाल: एनएच दो तैयार होने के बाद वहां पर वृक्षारोपण हुआ, लेकिन उसके रख रखाव की जिम्मेदारी किस की होती है? अरुण कुमार टूंडला, फीरोजाबाद।

जवाब: हाईवे के जिम्मेदार विभागों को पत्र लिखा जा चुका है। उस पर वृक्षारोपण किया जाएगा। उसके बाद रखरखाव करने वाले लोगों की जिम्मेदारी होगी।

सवाल: घर के पास छोटा सा पार्क बनाया है लेकिन उसमें पौधे लगाते हैं। वह खत्म हो जाते हैं? हतेंद्र पालीवाल, आवास विकास सेक्टर दो, आगरा।

जवाब: आगरा की जमीन सूखी है। यहां के पानी में नमक की मिलावट है। पार्क की जमीन की मिंट्टी को बदलना पड़ेगा। कम से कम एक फीट मिंट्टी की खोदाई कर दूसरी मिंट्टी डालकर पौधारोपण करना होगा।

सवाल: प्लाट में छायादार वृक्ष लगाना चाहता हूं, कौन से वृक्ष लगाए जाए? शुशील कुमार, फीरोजाबाद।

जवाब: पीपल, नीम, बरगद, पाकड़ के वृक्ष लगा सकते हैं। नीम सबसे अधिक उपयोगी है। शीशम के पेड़ को अधिक पानी की आवश्यकता होती है। जागरण के सवाल सवाल: इस बार वृक्षारोपण का टारगेट क्या है?

जवाब: पूरे मंडल में 25 लाख वृक्षारोपण का टारगेट है। जिसमें 15 लाख वन विभाग और दस लाख पौधारोपण अन्य प्रयासों किया जाना है। एक लाख फीरोजाबाद, एक लाख आगरा में 150 हेक्टेयर जमीन पर वृक्षारोपण करना है। मैनपुरी में तीनों योजनाएं प्रभावी तरीके से चल रही हैं। सवाल: वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण पर रोक कैसे लगेगी?

जवाब: भारतीय वन अधिनियम 1927 के 61 बी के तहत जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाता है। सौ हेक्टेयर में से 20 हेक्टयर को मुक्त कराया जा चुका है। सवाल: इको टूरिज्म के लिए वन विभाग क्या कर रहा है?

जवाब: मथुरा के सुनरख में सौ एकड़ जमीन में बायो डेमेस्टिक पार्क पार्क तैयार किए जाएंगे। साथ ही धार्मिक, पौराणिक, वनस्पतिक रुप से जगह तैयार की जाएंगी। उधर, भविष्य में इको टूरिज्म के तौर पर विकसित करने के लिए 100 हेक्टयेर जमीन फरह में चिन्हित करने का प्लान है और जहां प्लानटेशन हुआ है। वे क्षेत्रों अधिक उपयोगी हो सकते हैं। सवाल: रोड पर वृक्षारोपण की क्या योजना है?

जवाब: यमुना एक्सप्रेसवे पर मथुरा और आगरा का क्षेत्र है। वहां पर एक्सप्रेसवे अथोरिटी को वृक्षारोपण करना होता है। लेकिन नहीं किया। उन्हें पत्र लिखाकर परियोजनाएं दी हैं। लखनऊ एक्सप्रेसवे के दोनों ओर वृक्षारोपण करना चाहिए। वहां पर नहीं हुआ है। जल्द किया जाएगा। सवाल: तूफान से क्षति क्षेत्रों में वृक्षारोपण करने का क्या प्लान है?

जवाब: टीटीजेड क्षेत्र में पुराने वृक्ष हैं। नए वृक्षों के लिए विचार किया जा रहा है। दोबारा प्लानटेशन करने के अलावा कोई उपाय नहीं है। बात अगर शहर की आती है, तो शहर के अंदर जितने भी पेड़ टूटे हैं। उतना वृक्षारोपण करना कठिन कार्य है। क्योंकि बिल्डिंग बनी हुई हैं। बड़े छायादार पेड़ों को उस उचाई तक पहुंचने में समय लगेगा। सवाल: इंडस्ट्रीयल क्षेत्र का क्या उपाय है?

जवाब: इंडस्ट्रीयल स्टेट की जमीन होती है। उसका अपना रीजनल कार्यालय होता है। स्थानीय स्तर पर अनुमति नहीं मिल पाती है। विभागों में आपसी समन्वय की आवश्यकता है। इसके अलावा कोई भी इंडस्ट्री किसी गांव को गोद ले सकती है। वहां वृक्षारोपण कर विकास कर सकती है।

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