अलीना और साहिल भी बने कृष्ण

By Edited By: Publish:Fri, 22 Aug 2014 10:13 PM (IST) Updated:Fri, 22 Aug 2014 10:13 PM (IST)
अलीना और साहिल भी बने कृष्ण

जागरण संवाददाता, आगरा: किसी के हाथ में बांसुरी तो किसी के हाथ में शंख था। कोई गोपाल बना तो किसी ने गिरधारी का स्वरूप रखा था। जिनमें न कोई धर्म भेद था, न जाति बंधन। इसी भावना के साथ शुक्रवार को आयोजित बाल कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता में कई मुस्लिम बच्चों ने भी हिस्सेदारी की।

संस्कार भारती द्वारा शुक्रवार को हलवाई की बगीची स्थित देवी जी के मंदिर में आयोजित बाल कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता में नौ साल की अलीना पुत्री रईसउद्दीन ने कृष्ण का रूप रखा। अपनी दादी चमन के साथ इस कार्यक्रम में भाग लेने कैलाशपुरी से ही आई थीं। वह होठों पर बांसुरी लगाकर उसे बार-बार बजाने का प्रयास कर रही थी। कक्षा तीन की इस छात्रा ने पहली बार इस कार्यक्रम में भाग लिया। दादी चमन का कहना था कि बच्चों को हर धर्म की जानकारी होनी जरूरी है।

सेक्टर 16, आवास विकास कॉलोनी निवासी रजिया अपने बेटे सुहैल (6 वर्ष) को अपने साथ लेकर आई। इसने भी कृष्ण का रूप रखा था। रजिया में इस प्रतियोगिता को लेकर कई सालों से रुचि है। पिछले साल उन्होंने माता यशोदा का रूप रखा था, जिन्हें सम्मानित भी किया गया।

चार साल की बालिका अलीशा पुत्री जाकिर ने भी कृष्ण का मनमोहक रूप रखा था। वह सुदामापुरी, मदिया कटरा में रहती हैं।

इस प्रतियोगिता में दो दर्जन से अधिक बच्चों ने भाग लिया। तीन महीने की एक बालिका को उसकी मां सूप में रखकर लाई थी। कार्यक्रम का उद्घाटन मंजू गुप्ता ने व अध्यक्षता डॉ.उषा सिंह ने की। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में नितिन गुप्ता, राजकमल, रश्मि श्रीवास्तव रहीं। निर्णायक मंडल ने अस्तित्व, यशमनी, नव्या, साक्षी, अंकित, अभिनव, अलीसा, अलीना, सौम्या आदि को विजयी घोषित किया। संचालन हरीओम यादव ने किया।

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