Youtube ने भी अफवाहों को रोकने के लिए उठाया सख्त कदम, हर वीडियो की होगी जांच

दुनिया की सबसे बड़ी वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म ने भी व्हाट्सएप और ट्विटर के बाद से अफवाहों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं

By Harshit HarshEdited By: Publish:Wed, 11 Jul 2018 10:55 AM (IST) Updated:Wed, 11 Jul 2018 06:32 PM (IST)
Youtube ने भी अफवाहों को रोकने के लिए उठाया सख्त कदम, हर वीडियो की होगी जांच
Youtube ने भी अफवाहों को रोकने के लिए उठाया सख्त कदम, हर वीडियो की होगी जांच

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। दुनिया के सबसे बड़े वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म यू-ट्यूब ने भी अपने प्लेटफॉर्म के जरिये अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए सख्ती बरतने का एलान किया है। आपको बता दें कि यू-ट्यूब से पहले ट्विटर और व्हाट्सएप ने अपने प्लेटफॉर्म पर अफवाहों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। केन्द्र सरकार ने महाराष्ट्र में हुई 7 लोगों की मौत के बाद इंस्टेंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप को इन अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया था। जिसके बाद कंपनी ने अपने प्लेटफॉर्म के जरिये मिस-इन्फॉर्मेशन को रोकने के लिए कई बदलाव करने की घोषणा की और सरकार तथा लोगों से सहयोग मांगा है।

ब्लॉग-पोस्ट के जरिए दी जानकारी

गूगल की स्वामित्व वाली कंपनी यू-ट्यूब ने सोमवार को अपने ब्लॉग पोस्ट के जरिये कहा कि वीडियो प्लेटफॉर्म के जरिये गलत न्यूज या अफवाहों को रोकने के लिए हम सख्त कदम उठा रहे हैं। इसके लिए यू-ट्यूब गूगल न्यूज इनिशिएटिव के साथ काम कर रहा है जो इस साल मार्च में शुरू हो चुका है। अपने ब्लॉग पोस्ट में यू-ट्यूब ने आगे कहा कि हम लोग न्यूज को वेरिफाई करके ऑथेंटिक सोर्स का पता लगाएंगे। खासतौर पर ब्रेकिंग न्यूज के जरिये अफवाहों को आसानी से फैलाया जाता है। प्लेटफॉर्म के जरिये शेयर की जाने वाली ब्रेकिंग न्यूज को प्रायोरिटी बेसिस पर मॉनिटर किया जाएगा।

वीडियो की जाएगी सघन जांच

यू-ट्यूब व्यूअर्स को शॉर्ट टेक्स्ट मैसेज के जरिये यह आगाह करेगा कि खबर में बदलाव हो सकता है। यू-ट्यूब ने ब्लॉग में आगे कहा कि फर्जी वीडियो और अफवाहों वाली वीडियो पर रोक लगाने के लिए हम सार्थक कदम उठाएंगे। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा के साथ ही बड़ी घटनाओं वाली वीडियो की सघन जांच की जाएगी। यू-ट्यूब पर इस तरह की वीडियो को अपलोड करने से पहले यूजर्स को टेक्ट बॉक्स में इसके सोर्स के बारे में जानकारी डालनी होगी। जिसकी वजह से मिस-इंफोर्मेशन लूप पर लगाम लगाई जा सकेगी।

इसके अलावा कंपनी अफवाहों वाली वीडियो को काउंटर करने के लिए कई और तरीकों पर काम कर रही है। इसके लिए कंपनी ने विकिपीडिया और इनसाइक्लोपिडिया जैसे ट्रस्टेड सोर्स से भी मदद ले रही है।

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