यूजर्स जल्द ही ट्राई की वेबसाइट पर देख पाएंगे टेलिकॉम कंपनियों के टैरिफ प्लान

ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने बताया कि जल्द ही यूजर्स ट्राई की वेबसाइट पर विभिन्न टेलिकॉम कंपनियों के टैरिफ देख पाएंगे

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 14 Aug 2017 09:08 AM (IST) Updated:Mon, 14 Aug 2017 06:09 PM (IST)
यूजर्स जल्द ही ट्राई की वेबसाइट पर देख पाएंगे टेलिकॉम कंपनियों के टैरिफ प्लान
यूजर्स जल्द ही ट्राई की वेबसाइट पर देख पाएंगे टेलिकॉम कंपनियों के टैरिफ प्लान

नई दिल्ली (जेएनएन)। आम उपभोक्ता अब आसानी से मोबाइल कंपनियों के टैरिफ प्लान का पता लगा सकेंगे। साथ ही वे उनके बीच तुलना भी कर पाएंगे। दूरसंचार नियामक ट्राई इस मामले में पारदर्शिता लाने के लिए जल्द ही अहम कदम उठाने की तैयारी में है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आरएस शर्मा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उपभोक्ता ट्राई की वेबसाइट पर विभिन्न टेलिकॉम कंपनियों के टैरिफ देख सकेंगे।

सॉफ्टवेयर निर्माता कर पाएंगे इस्तेमाल:

टेलिकॉम नियामक इस डाटा को अन्य सॉफ्टवेयर निर्माताओं को इस्तेमाल करने की अनुमति भी देगा। इससे भविष्य में ऐसे डाटा की मदद से विभिन्न कंपनियों के टैरिफ की तुलना के लिए एप भी तैयार किया जा सकता है। एप की मदद से उपभोक्ता ठीक उसी तरह अलग-अलग कंपनियों के टैरिफ की तुलना कर सकेंगे, जैसे एयरलाइनों के किरायों और इंश्योरेंस कंपनियों के प्लान की तुलना करते हैं।

वहीं, इससे पहले थर्ड पार्टी एप्लीकेशन डेवलपर्स के साथ टेक्नोलॉजी और मोबाइल कंपनियों द्वारा डाटा शेयर करने को लेकर यूजर्स ने चिंता व्यक्त की थी जिसके चलते दूरसंचार नियामक ट्राई ने आज एक परामर्श पत्र जारी किया था। इसमें मोबाइल डाटा के स्वामित्व व गोपनीयता के बारे राय मांगी गई थी। ट्राई ने बताया कि वह यूजर्स के निजी डाटा पर मोबाइल कंपनियों को नियंत्रण देने और जानकारी का दुरुपयोग करने के लिए एक प्रारुप तैयार करना चाहता है।

पारदर्शिता और नियंत्रण यूजर्स के लिए अहम:

ट्राई यह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि यूजर्स के पास पूरी तरह पारदर्शिता और नियंत्रण हो जिससे वो यह ट्रैक कर सकें कि उनका डाटा कैसे स्टोर किया जा रहा है या किससे शेयर किया जा रहा है। ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने कहा कि टेलिकॉम सेक्टर में डाटा स्वामित्व, डाटा संरक्षण, गोपनियता और सुरक्षा को लेकर एक स्पष्ट नीति बनाई जाएगी। आर एस शर्मा ने बताया कि इस मामले को लेकर 8 सितंबर तक फैसला लिया जा सकता है।

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