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    Rajasthan: वसुंधरा राजे पहुंची डूंगरपुर जिले के चितरी गांव, ग्रामीणों के बीच पहुंचकर की स्कूटी की सवारी

    By Jagran NewsEdited By: Sonu Gupta
    Updated: Mon, 06 Feb 2023 11:13 PM (IST)

    राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव हैं और कांग्रेस और भाजपा नेताओं की सक्रियता बढ़ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी सक्रिय हो चुकी ...और पढ़ें

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    वसुंधरा राजे पहुंची डूंगरपुर जिले के चितरी गांव, ग्रामीणों के बीच पहुंचकर की स्कूटी की सवारी

    उदयपुर, जेएनएन। राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव हैं और कांग्रेस और भाजपा नेताओं की सक्रियता बढ़ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी सक्रिय हो चुकी हैं। मेवाड़-वागड़ की दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन वसुंधरा राजे डूंगरपुर जिले के चितरी गांव पहुंची। जहां वह ग्रामीणों के बीच पहुंची तथा स्कूटी की सवारी भी की। इस दौरान उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर फीडबैक भी लिया।

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    खटीक समाज ने भेंट की तलवार

    आदिवासियों के महातीर्थ बेणेश्वर धाम पर पूजा अर्चना के बार रविवार रात भाजपा उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सागवाड़ा में खटीक समाज की ओर से मसानिया तालाब कि किनारे बनाए दशामाता मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में पहुंची तथा वहां आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की। जहां खटीक समाज ने उन्हें तलवार भेंट की। जिसके बाद उन्होंने चितरी गांव के समीप एनआरआई रमेश पटेल के फार्म हाउस में रात्रि विश्राम किया।

    स्कूटी की सवारी की

    सोमवार सुबह वह चितरी गांव के लोगों से मिली। उन्होंने चितरी गांव की छात्रा अर्पिता पाटीदार, मधु दमामी तथा चंदा डोडियार से बात की, जिन्हें मुख्यमंत्री रहते हुए बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्कूटी योजना शुरू की तब वितरित की गई स्कूटी से सवारी भी की।रविवार को डूंगरपुर के आसपुर में समर्थकों ने वसुंधरा राजे को तलवार भेंट कर उनका स्वागत किया था। इस दौरान राजे के समर्थन में जमकर नारेबाजी भी की गई थी। जिसके बाद वह सागवाड़ा गई और वहां भाजपा कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया।

    भाजपा कार्यकर्ताओं को कहा, भरोसा रखो

    डूंगरपुर जिले में भाजपा की पकड़ कमजोर होने पर भाजपा कार्यकर्ताओं में निराशा छाई हुई है। जिले की चार विधानसभा सीटों में से दो पर भारतीय ट्राइबल पार्टी यानी बीटीपी तथा एक-एक पर भाजपा और कांग्रेस का कब्जा है। जबकि इससे पहले यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला होता था और भाजपा भारी पड़ती थी। बीटीपी और आदिवासी परिवार के बढ़ते प्रभाव के चलते भाजपा कार्यकर्ता यहां गुटों में बंट गए थे। उन्होंने सागवाड़ा और डूंगरपुर में कार्यकर्ताओं से फीडबैक भी लिया, वहीं उन्हें समझाया कि भरोसा रखो। प्रदेश में परिवर्तन होगा और भाजपा एक बार फिर सत्ता में आएगी।

    पार्टी के प्रमुख नेताओं ने बनाई दूरी

    वसुंधरा राजे दो दिन तक डूंगरपुर में बनी रही लेकिन प्रमुख नेताओं और संगठन के नेताओं ने दूरी बनाए रखी। बेणेश्वर धाम की यात्रा के दौरान सांसद कनकमल कटारा, पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं डूंगरपुर राजघराने के सदस्य हर्षवर्धन सिंह, जिला प्रमुख सूर्या अहारी मौजूद थे, जबकि सोमवार की यात्रा के दौरान ज्यादातर बड़े नेताओं ने दूरी बनाए रखी। भाजपा के प्रदेश महासचिव एवं पूर्व मंत्री सुशील कटारा, जिला अध्यक्ष प्रभुलाल पण्ड्या, हरीश पाटीदार आदि प्रमुख नेताओं ने वसुंधरा राजे की यात्रा से दूरी बनाए रखी।

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