Rajasthan: पुजारी का शव रखकर किरोड़ी लाल मीणा ने दिया धरना, गजेंद्र सिंह शेखावत ने साधा निशाना; थाना अधिकारी निलंबित

Priest Shambhu Sharma Death Case राजस्थान में दौसा जिले के महवा में मंदिर की जमीन को दबंगों द्वारा हड़पने के मामले में मूक-बधिर पुजारी शंभू शर्मा की मौत के बाद मचा बवाल अभी थमने का नाम नहीं ले रहा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 05:41 PM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 07:36 PM (IST)
Rajasthan: पुजारी का शव रखकर किरोड़ी लाल मीणा ने दिया धरना, गजेंद्र सिंह शेखावत ने साधा निशाना; थाना अधिकारी निलंबित
पुजारी हत्याकांड के विरोध में सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने दिया धरना। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Priest Shambhu Sharma Murder Case: राजस्थान में दौसा जिले के महवा में मंदिर की जमीन को दबंगों द्वारा हड़पने के मामले में मूक-बधिर पुजारी शंभू शर्मा की मौत के बाद मचा बवाल अभी थमने का नाम नहीं ले रहा। मुख्यमंत्री निवास से कुछ ही दूर जयपुर के सिविल लाइंस फाटक पर शुक्रवार को दूसरे दिन भी मृतक पुजारी की शव रखकर भाजपा के राज्यसभा सदस्य डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का धरना जारी रहा। धरने में पुजारी के परिजन और ग्रामीणों के साथ ही भाजपा कार्यकर्ता भी शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वार्ता के लिए प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन वार्ता सफल नहीं हो सकी।

थाना अधिकारी नरेश शर्मा निलंबित

इसी बीच, दौसा जिला पुलिस अधीक्षक ने महवा के थाना अधिकारी नरेश शर्मा को निलंबित कर दिया। मीणा और उनके समर्थक जमीन वापस पुजारी परिवार को सौंपे जाने तक आंदोलन जारी रखने की बात कह रहे हैं। पुजारी की मौत आठ दिन पहले महवा में हुई थी, तब से बुधवार तक शव रखकर वहीं धरना दिया गया। बृहस्पतिवार को सुबह डॉ. मीणा पुलिस को चकमा देकर शव को जयपुर लेकर आ गए। मीणा और उनके साथी दिन-रात शव को एक लकड़ी के बॉक्स में रखकर धरना दे रहे हैं। बॉक्स के अंदर बर्फ रखी गई है। धरने को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। मीणा का आरोप है कि पुजारी एक मंदिर में पूजा-अर्चना करता था। गांव के कुछ दबंगों ने स्थानीय सरकारी कार्मिकों के साथ मिलीभगत कर के पुजारी से जबरन 26 बीघा जमीन की रजिस्ट्री करा ली। इस बात की जानकारी परिजनों को मिली तो उन्होंने पुलिस में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस सदमें में पुजारी की मौत हो गई। मीणा की मांग है कि रजिस्ट्री कराने वाले सरकारी कार्मिकों व दबंगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए। तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मीणा के साथ ही ग्रामीणों की मांग है कि दबंगों द्वारा मंदिर की जमीन पर जबरन बनाई गई दुकानों को हटाया जाए।

गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान सरकार पर साधा निशाना

जोधपुर, संवाद सूत्र। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान सरकार पर तल्ख टिप्पणी की। शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री निवास के पास पड़ा शंभू पुजारी का शव दरअसल राजस्थान के सत्ताधारियों के मर चुके जमीर का परिदृश्य है। गुरुवार देर रात जारी बयान में शेखावत ने कहा कि दौसा में शंभू पुजारी की जमीन पर कब्जा करने के बाद भू-माफिया ने उनकी हत्या कर दी। यह विषय अब न्याय मांगने से कहीं बड़ा बन चुका है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसा राज्य जहां पुजारी सुरक्षित नहीं, जहां महिला, बच्चियां सुरक्षित नहीं, जहां आमजन सुरक्षित नहीं, ऐसे राज्य के मुखिया से न्याय मांगना भैंस के आगे बीन बजाना जैसा है। उन्होंने कहा कि आमजन का एक ही सवाल है, कहां जाएं, किस से गुहार करें, किस से उम्मीद लगाएं न्याय की? कब होगा न्याय? कब होगा राजस्थान के काले अध्याय का अंत? कब मिलेगी राजस्थान को भय, अपराध और अधर्मियों से मुक्ति? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ये सब सवाल वाजिब हैं और इनका जवाब हम सब आप से लेकर रहेंगे।

आयुष्मान बीमा योजना में निशुल्क दवाएं न मिलने पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने उठाए सवाल

राज्य में आयुष्मान बीमा योजना के तहत ब्लड और बोन कैंसर जैसी बीमारियों की निःशुल्क दवाएं मिलना बंद होने पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की अक्षमता किसी न किसी रूप में सामने आती रहती है और इसकी कीमत राज्यवासियों को अपनी जान या माल से चुकानी पड़ती है। गुरुवार को जारी बयान में शेखावत ने कहा कि राजस्थान में आयुष्मान बीमा योजना पर विराम लगने के पीछे सरकार का राज्यवासियों के प्रति गैर जिम्मेदार व्यवहार ही है। पूछने की बात है कि आखिर राजस्थान के कैंसर पीड़ितों को आयुष्मान बीमा योजना के तहत निःशुल्क दवाएं क्यों नहीं मिल रहीं? आरएमएससीएल ने 4 सितंबर 2020 के बाद अब तक टेंडर की प्रक्रिया क्यों आगे नहीं बढ़ाई? गहलोत सरकार गरीबों की जिंदगी से खिलवाड़ क्यों कर रही है? केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्या स्वास्थ्य मंत्री मानकर चल रहे हैं कि हर महीने 35 से 40 हजार रुपये की दवाएं गरीब आदमी खरीद सकता है? यदि एक भी कैंसर पीड़ित की जान दवा न मिलने की वजह से गई तो क्या सरकार और आरएमएससीएल जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है? शेखावत ने मांग की कि टेंडर की लंबित प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए। सरकार दवा मुहैया कराने की अंतरिम व्यवस्था बनाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी अपने राज्य की दुर्दशा का संज्ञान लीजिए।

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