Rajasthan: सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएनएल लगाएगा मोबाइल टावर

BSNL. वर्तमान में सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात बीएसएफ के जवानों को मोबाइल नेटवर्क के अभाव में अपने परिजनों से बात करने में काफी मुश्किल होती है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 03:08 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 03:08 PM (IST)
Rajasthan: सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएनएल लगाएगा मोबाइल टावर
Rajasthan: सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएनएल लगाएगा मोबाइल टावर

जागरण संवाददाता, जयपुर। BSNL. भाजपा-पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) मोबाइल नेटवर्क की सुविधा देने जा रहा है। बीएसएनएल सीमावर्ती क्षेत्रों में शीघ्र ही नए मोबाइल टावर लगाएगा। वर्तमान में सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात बीएसएफ के जवानों को मोबाइल नेटवर्क के अभाव में अपने परिजनों से बात करने में काफी मुश्किल होती है। बीएसएनएल के इस निर्णय से सबसे अधिक फायदा जैसलमेर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर जिलों से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों को होगा।

बीएसएनएल के जैसलमेर रमेशचंद्र व्यास ने बताया कि बीएसएफ के अधिकारियों से ऐसे स्थान चिन्हित करने के लिए कहा गया, जहां उन्हें सुविधा हो और सुरक्षा के लिहाज से ठीक हो, वहां मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सीमा पर तैनात जवानों को अपने परिजनों से बात करने में काफी दिक्कत होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए बीएसएनएल ने बीएसएफ के अधिकारियों के साथ चर्चा की है। बीएसएफ अधिकारियों द्वारा बताए गए स्थानों पर मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जब तक मोबाइल टावर नहीं लगते हैं, तब तक वैकल्पिक तौर पर बीएसएनएल की विंग सर्विस से जवानों को अपने परिवारजनों से बातचीत करने की सुविधा दिलाई जा सकती है।

विंग सर्विस के तहत किसी भी नेटवर्क के वाइफाइ के जरिए सेवाएं उपलब्ध करवाई जाती है। इसमें एक वर्चुअल नंबर जारी किया जाएगा, जिससे किसी भी बेसिक या मोबाइल नेटवर्क पर बातचीत की जा सकती है। इस संबंध बीएसएफ के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है की जल्द ही विंग सेवा से संबंधित कार्रवाई पूरी करने के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों के किसी एरिया में प्रयोग के तौर पर इसे शुरू किया जा सकेगा। राजस्थान के सरहदी क्षेत्रों में टावर लग जाने से लोगों को राहत मिलेगी। 

उल्लेखनीय है कि बॉर्डर पर सुरक्षा कारणों से संचार के साधनों में अत्यधिक सावधानी बरती जाती है। 

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