ऐतिहासिक गुरुद्वारा नानकियाना साहिब में आज मनाया जाएगा गुरु पर्व

श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को लेकर हर तरफ जश्न सा माहौल है। इसी प्रकार श्री गुरु नानक देव जी की चरण स्पर्श प्राप्त गुरुद्वारा नानकियाना साहिब में 550वें गुरुपर्व को लेकर भारी उत्साह देखने को मिल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Nov 2019 11:41 PM (IST) Updated:Mon, 11 Nov 2019 11:41 PM (IST)
ऐतिहासिक गुरुद्वारा नानकियाना साहिब में आज मनाया जाएगा गुरु पर्व
ऐतिहासिक गुरुद्वारा नानकियाना साहिब में आज मनाया जाएगा गुरु पर्व

संवाद सहयोगी, संगरूर : श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को लेकर हर तरफ जश्न सा माहौल है। इसी प्रकार श्री गुरु नानक देव जी की चरण स्पर्श प्राप्त गुरुद्वारा नानकियाना साहिब में 550वें गुरुपर्व को लेकर भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। गुरुद्वारा साहिब में श्री अखंड पाठ साहिब आरंभ किए गए हैं, जिनके भोग आज गुरुपर्व पर डाले जाएंगे। दूर-दराज इलाकों से संगत गुरुद्वारा साहिब में पहुंचकर नतमस्तक होगी व श्री गुरु नानक देव जी का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। इसके अलावा संगरूर शहर के गुरुद्वारा सिंह सभा साहिब में भी गुरुपर्व को समर्पित समागम का आयोजन किया गया है।

उल्लेखनीय है कि पहली उदासी के दौरान श्री गुरु नानक देव जी संगरूर के कई गांवों से होते हुए यहां पहुंचे थे। गुरुद्वारा साहिब में दर्ज इतिहास के अनुसार पूर्व देश की ओर जाते समय गुरु नानक देव जी 1497 में 15 दिनों के लिए यहां पर रुके थे। इस दौरान यहां पर एक छोटा सा गांव था। क्षेत्र के लोगों ने गुरु के दर्शन कर अमृतवाणी सुनकर अपना जीवन सफल किया था। इस स्थान पर गुरु जी का कलियुग के साथ साक्षात्कार भी हुआ था। उन्होंने कलियुग को पवित्र बाणी व उपदेश से सही मार्ग दिखाया था। गुरु नानक देव जी के बाद 1616 में छठे गुरु हरगोबिद साहिब जी भी यहां पहुंचे। उन्होंने गुरु नानक देव जी के बैठने वाले स्थान मंजी साहिब को बतौर यादगार कायम किया व लोगों को धर्म का उपदेश देकर इस स्थान की पवित्रता को उजागर किया। यहां उन्होंने एक कीकर के वृक्ष के साथ अपना घोड़ा बांधा था। गुरुद्वारा साहिब के निर्माण के दौरान कुछ लोगों ने इस कीकर को काट दिया था, लेकिन कुछ समय बाद कीकर का वृक्ष दीवारों को तोड़ता हुआ दोबारा प्रगट हो गया। वह कीकर साहिब आज भी मौजूद है। गुरुद्वारा नानकियाना साहिब के मैनेजर भूपिदर सिंह ने बताया कि मंगलवार को दोपहर 11 बजे अमृत का बाटा तैयार किया जाएगा। मंगलवार को ही श्री अखंड पाठ के भोग के उपरांत 2 बजे तक धार्मिक दीवान सजाए जाएंगे, जिसमें रागी, ढाडी व प्रचारक गुरु जस सुनाकर संगतों को निहाल करेंगे। बाबा नानक के प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा साहिब को खूबसूरत तरीके से सजाया गया है।

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