आबकारी विभाग ने 15.97 करोड़ का किया जुर्माना

जीएसटी में धोखाधड़ी करने के आरोप में आबकारी विभाग ने डमटाल के दो विभिन्न उद्योग पर 15.97 करोड़ का जुर्माना किया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Mar 2021 10:44 PM (IST) Updated:Mon, 08 Mar 2021 10:44 PM (IST)
आबकारी विभाग ने 15.97 करोड़ का किया जुर्माना
आबकारी विभाग ने 15.97 करोड़ का किया जुर्माना

संवाद सहयोगी, नंगलभूर : जीएसटी में धोखाधड़ी करने के आरोप में आबकारी विभाग ने डमटाल के दो विभिन्न उद्योग पर 15.97 करोड़ का जुर्माना किया है। इसमें एल्यूमिनियम की शीट्स बनाने वाले उद्योग पर 9.86 करोड़ का जुर्माना किया गया है। सहायक आयुक्त राज्य कर व आबकारी विभाग बाबू राम ने बताया कि डमटाल में एल्यूमिनियम की शीट्स के रोल बनाने वाली कंपनी ने नकदी जमा नहीं करवाई । विभाग को कंपनी पर शक था कि कंपनी फर्जी तरीके से आइटीसी इकट्ठा कर टैक्स देने से बच रही है। डायरेक्टर जनरल आफ जीएसटी इंटेलीजेंस से भी एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें दिल्ली में स्थित एक फर्जी कंपनी द्वारा डमटाल स्थित इस कंपनी को बिना माल के बिल सप्लाई किया गया था, जिसकी जांच के लिए आबकारी विभाग को डायरेक्टर जीएसटी से निर्देश जारी हुए थे। इस पर कार्रवाई करते राकेश कुमार, बलदेव ठाकुर, जय प्रकाश व सुशील कुमार की टीम ने सहायक आयुक्त के नेतृत्व में कंपनी में 29 दिसंबर 2020 को दबिश दी थी। जुलाई 2017 से लेकर दिसम्बर 2020 तक खरीद से संबंधित सारे दस्तावेजों को विभाग ने अपने कब्जे में लिया। जब्त किए गए दस्तावेजों की छानबीन करने के पश्चात पता चला कि कंपनी ने दिल्ली स्थित किसी कंपनी से वर्ष 2107-18 के दौरान 19 करोड़ 10 लाख 95 हजार 769 रुपये का कच्चा माल खरीदा था। जिस पर करीब 2 करोड़ 91 लाख 50 हजार 199 रुपये का आईटीसी का लाभ भी ले लिया। लेकिन, कंपनी द्वारा खरीदा गया यह कच्चा माल वास्तव में कंपनी में कभी आया ही नहीं, सिर्फ आईटीसी प्राप्त करने के लिए बिल काटे गए थे। वहीं दूसरी तरफ इस कंपनी ने डमटाल में ही एक फर्जी कंपनी का गठन किया, जिससे फर्जी तरीके से वर्ष 2018-19 से दिसम्बर 2020 तक 44 लाख 35 हजार 483 रुपये का आइटीसी लिया गया। जांच के बाद इस तरह के साक्ष्य सामने आने पर कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और कंपनी के क्रेडिट लेजर को भी ब्लाक कर दिया गया था। इसके परिणामस्वरूप कंपनी ने फरवरी माह में टैक्स के रूप में 43 लाख 7 हजार 612 रुपये जमा करवाए। इस कंपनी द्वारा बनाई गई फ र्जी कंपनी का जीएसटी नंबर रद कर दिया गया।

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