विशेष ओलंपिक्स मेडल विजेता खिलाड़ियों की अनदेखी कर रही पंजाब सरकार

एक तरफ जहां पंजाब सरकार राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए और जीत प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों की हौसला अफजाई के करने की बड़े-बड़े वादे और दावे कर रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 31 Jul 2020 06:15 AM (IST) Updated:Fri, 31 Jul 2020 06:15 AM (IST)
विशेष ओलंपिक्स मेडल विजेता खिलाड़ियों की अनदेखी कर रही पंजाब सरकार
विशेष ओलंपिक्स मेडल विजेता खिलाड़ियों की अनदेखी कर रही पंजाब सरकार

जेएनएन, रायकोट : एक तरफ जहां प्रदेश सरकार खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को मेडल जीतने के लिए उनका उत्साह बढ़ाने के बड़े-बड़े वादे और दावे कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ गत वर्ष आबू धाबी में हुई स्पेशल ओलंपिक में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों की अभी तक ना तो कोई सुध ली गई और ना ही उन्हें किसी तरह की कोई सहायता ही गई। जबकि, इन खिलाड़ियों को दिव्यांग होने के कारण सबसे ज्यादा जरूरत है।

उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार द्वारा घोषित की गई खेल नीति में ओलंपिक और पैराओलंपिक में जीत प्राप्त करने वाले व एशिया और राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को लाखों-करोड़ों रुपए के नकद ईनाम और सरकारी नौकरी देने की बात भी की जाती है। लेकिन, सरकार की खेल पॉलिसी में स्पेशल ओलंपिक जीतने वाले इन दिव्यांग खिलाड़ियों को पंजाब सरकार पूरी तरह से नजरअंदाज किए हुए है। सरकार की यह बेरुखी इन दिव्यांग खिलाड़ियों को और आगे बढ़ाने की बजाय उनके हौसले को पस्त कर रही है। अगर इन खिलाड़ियों को पंजाब सरकार द्वारा कोई सहायता दी जाए तो जय खिलाड़ी देश के साथ-साथ पंजाब का नाम भी रोशन कर सकते हैं।

ओलंपिक में दिव्यांग खिलाड़ियों ने जीते थे पांच स्वर्ण व छह रजत पदक

गौरतलब है कि मार्च 2019 में दुबई के आबू धाबी में हुई स्पेशल ओलंपिक खेलों में पंजाब के पांच खिलाड़ियों ने स्वर्ण, छह खिलाड़ियों ने रजत और पांच खिलाड़ियों ने कांस्य पदक जीतकर विश्व में देश और पंजाब का नाम रोशन किया था। लेकिन इस उपलब्धि के साल बाद भी पंजाब सरकार द्वारा उक्त मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करने की बजाय उनकी अनदेखी ही की गई है।

साल बाद भी नहीं ली सुध

स्पेशल ओलंपिक में साइकिलिग में गोल्ड मेडल जीतने वाली रायकोट की शामली शर्मा के पिता सुशील कुमार ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा अभी तक इन मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों की कोई भी मदद नहीं की गई। उन्होंने बताया कि आज से करीब एक साल पहले वह डायरेक्टर स्पेशल (दिव्यांग) खेल पंजाब कर्नल कर्मेंद्र सिंह के साथ पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी को भी मिले थे। जिन्होंने उस वक्त भरोसा दिया था कि वह इस मामले पर पूरी गंभीरता से विचार करेंगे। लेकिन साल बाद भी सरकार द्वारा इन खिलाड़ियों की तरफ कोई भी ध्यान नहीं दिया गया।

दिव्यांग खिलाड़ियों को दिया जाए सम्मान

साइकिलिंग में गोल्ड मेडल जितने वाली रायकोट की स्पेशल साइकिलिस्ट शामली शर्मा के पिता सुशील कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार को चाहिए कि अन्य खिलाड़ियों की तरह दिव्यांग खिलाड़ियों को भी मान- सम्मान दे। साथी ही उन्होंने ओलंपिक में मेडल जीतने वाले दिव्यांग खिलाड़ियों को नौकरी देने की भी मांग की।

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