ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रस्ट की जमीन पर निर्माण कर मालिकाना हक जता रहे लोग

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लुधियाना बस स्टैंड को ट्रांसपोर्ट नगर में शिफ्ट करने की कवायद चल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Jun 2019 06:13 AM (IST) Updated:Sat, 15 Jun 2019 06:32 AM (IST)
ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रस्ट की जमीन पर निर्माण कर मालिकाना हक जता रहे लोग
ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रस्ट की जमीन पर निर्माण कर मालिकाना हक जता रहे लोग

राजेश भट्ट, लुधियाना

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लुधियाना बस स्टैंड को ट्रांसपोर्ट नगर में शिफ्ट करने की कवायद चल रही है। डिप्टी कमिश्नर बस अड्डा शिफ्ट करवाने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर का दौरा कर अपनी सहमति जता चुके हैं। इसी बीच एक नई बात सामने आ रही है। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने ट्रांसपोर्ट नगर बनाते वक्त जीटी रोड के साथ जो नो कंस्ट्रक्शन जोन छोड़ा था, उसमें अब सौ से अधिक पक्के निर्माण हो चुके हैं। यही नहीं निर्माण करने वाले अब जमीन से लेकर मकान तक पर दस्तावेज पेश कर मालिकाना हक जता रहे हैं। ट्रस्ट अफसर अब इस पशोपेश में हैं कि ट्रस्ट की मलकीयत वाली जगह की रजिस्ट्रियां कैसे दूसरों के नाम हो गई? ट्रस्ट अफसर अब इसकी तहकीकात में भी जुट गए हैं। जिला प्रशासन ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ट्रांसपोर्ट नगर में करीब 38.50 एकड़ जमीन में बस स्टैंड शिफ्ट करने का प्रपोजल बनाया और ट्रस्ट से इस जमीन की डिमांड की। उसके बाद डीसी ने ट्रांसपोर्ट नगर का दौरा भी किया। ट्रस्ट अफसरों ने जब इस जमीन का सर्वे किया तो वहां पर नो कंस्ट्रक्शन जोन में सौ से अधिक पक्के निर्माण पाए गए। उसके बाद ट्रस्ट ने बाकायदा नोटिस जारी कर लोगों से उनकी रजिस्ट्री तलब की। यही नहीं ट्रस्ट अफसरों ने इलाके में भी नोटिस चिपकाए और मुनादी भी करवाई। ट्रस्ट अफसरों के सख्त रवैये के बाद अब तक ट्रस्ट के पास करीब 60 लोगों ने अपनी मलकीयत के दस्तावेज जमा करवाए हैं, जबकि बाकी ने भी ट्रस्ट अफसरों से 30 जून तक का समय मांगा है। ट्रस्ट अफसरों ने पहले 15 जून तक दस्तावेज जमा करवाने को कहा था, लेकिन अब इस तिथि को बढ़ाकर 30 जून तक कर दिया है। 100 मीटर था हाईवे के किनारे नो कंस्ट्रक्शन जोन

इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने जब ट्रांसपोर्ट नगर बनाया था उस वक्त शेरपुर से जालंधर बाईपास तक जाने वाली सड़क बाईपास थी। इसलिए उस सड़क पर नो कंस्ट्रक्शन जोन का एरिया 100 मीटर था। इसलिए इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने सड़क के साथ-साथ 100 मीटर तक किसी भी तरह की प्लाटिग नहीं की और इसे नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित कर दिया। तब से लेकर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने अभी तक इस जमीन को नहीं बेचा और यह जमीन आज भी ट्रस्ट के रिकार्ड में खाली है। दरअसल अब नो कंस्ट्रक्शन जोन पांच मीटर कर दिया गया है तो प्रशासन बाकी की 95 मीटर जगह पर बस स्टैंड बनाने का प्रपोजल तैयार कर रहा है। ट्रस्ट ने किया था जमीन अधिग्रहण

ट्रस्ट अधिकारियों के मुताबिक जब ट्रांसपोर्ट नगर बनाया गया था उस वक्त कुल 114 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई, जिसमें से 38.50 एकड़ जमीन पर कोई प्लाटिग नहीं की गई, जिसमें से करीब 10 एकड़ जमीन पर ट्रकों के लिए पार्किंग बनाई गई और बाकी की साढ़े 28 एकड़ जमीन नो कंस्ट्रक्शन जोन में थी। इस पूरी जमीन की मलकीयत आज भी ट्रस्ट के पास है। इस नो कंस्ट्रक्शन में अब निर्माण हो चुके हैं और यहां तक कि लोगों के पास रजिस्ट्रियां भी हैं। रजिस्ट्रियों में हो सकती है हेराफेरी

ट्रस्ट अधिकारियों का तर्क है कि जब जमीन पूरी ट्रस्ट के नाम है और ट्रस्ट ने यह जमीन बेची ही नहीं तो लोगों के पास रजिस्ट्रियां कहां से आ गई। ट्रस्ट अधिकारियों की मानें तो रजिस्ट्रियों में हेराफेरी हो सकती है। ट्रस्ट अफसरों का कहना है कि अब सभी निर्माणों की रजिस्ट्रियां मंगवाई गई हैं। रजिस्ट्रियां आने के बाद उनकी जांच की जाएगी और उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। जीटी रोड के साथ 100 मीटर का नो कंस्ट्रक्शन जोन है। इस पर कुछ निर्माण हो चुके हैं। ट्रस्ट की तरफ से जमीन नहीं बेची गई और लोग इस पर अपना मालिकाना हक जता रहे हैं। लोगों की तरफ से दिए जा रहे दस्तावेजों की जांच की जाएगी और उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। नो कंस्ट्रक्शन जोन की जमीन ट्रस्ट की तरफ से कभी भी नहीं बेची गई। ऐसे में उस जमीन की रजिस्ट्री होना जांच का विषय है। इस संबंध में जिला प्रशासन को भी लिखा जाएगा।

दीपांकर, एक्सईएन इंप्रूवमेंट ट्रस्ट, लुधियाना

ट्रांसपोर्टर बोले, ट्रांसपोर्ट नगर में शिफ्ट न करें बस स्टैंड

जासं, लुधियाना : गुड्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सदस्य वीरवार को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के अफसरों से मिले। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि ट्रस्ट अफसर जिसे नो कंस्ट्रक्शन जोन की बता रहे हैं उसमें हुए निर्माण कार्यो और उसकी मलकीयत के दस्तावेज सभी के पास उपलब्ध हैं। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट नगर में बस स्टैंड शिफ्ट न किया जाए। उनका तर्क है कि ट्रक खड़े करने के लिए जो पार्किंग स्लॉट बने हैं अगर वहां बस स्टैंड बनता है तो वह ट्रक कहां खड़े करेंगे। उन्होंने ट्रस्ट अधिकारियों को कहा कि वह एक एक दस्तावेज जमा करवाएंगे और उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाए।

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