संगरूर में हिंदू परिवार ने मस्जिद बनाने के लिए दान में दी जमीन, नमाज अदा करने पांच किमी दूर जाते थे मुस्लिम परिवार

संगरूर के नजदीकी गांव रामपुर गुजरां में हिंदू परिवार ने गांव में मस्जिद बनाने को जमीन दान में देकर मिसाल कायम की है। दरअसल नमाज अदा करने को मुस्लिम समुदाय के लोग कई किमी दूर जाने को मजबूर थे। इसे देख परिवार ने जमीन दान में देने का निर्णय लिया।

By SACHIN DHANJASEdited By: Publish:Sat, 24 Sep 2022 07:45 PM (IST) Updated:Sat, 24 Sep 2022 07:45 PM (IST)
संगरूर में हिंदू परिवार ने मस्जिद बनाने के लिए दान में दी जमीन, नमाज अदा करने पांच किमी दूर जाते थे मुस्लिम परिवार
गांव में मस्जिद बनाने के लिए जमीन दान में देने वाला परिवार जानकारी देते हुए। जागरण

गगनदीप सिंह, लहरागागा (संगरूर)। संगरूर के नजदीकी गांव रामपुर गुजरां में एक हिंदू परिवार ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए गांव में मस्जिद बनाने के लिए अपनी जगह दान में देकर एक मिसाल कायम की है। अभी तक गांव में मुस्लिम भाईचारे के लिए कोई मस्जिद मौजूद नहीं है। मस्जिद न होने के कारण गांव के मुस्लिम परिवार नमाज अदा करने के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करके दिड़बा जाते हैं।

दिन में पांच समय नमाज अदा की जाती है, लेकिन मस्जिद न होने के कारण दिन में पांच बार गांव से दिड़बा व दिड़बा से गांव वापस आना संभव नहीं हो पाता। मुस्लिम परिवारों की इस मुश्किल को पक्के तौर पर हल करने के लिए मस्जिद के निर्माण से मुस्लिम भाईचारे को एक बड़ी राहत मिलेगी। गांव में आज भी अपनी भाईचारक सांझ के चलते लोग आपस में जुड़े हुए हैं व एक-दूसरे की मदद करते आए हैं।

विधानसभा हलका दिड़बा का गांव रामपुर गुजरां एक छोटा सा गांव है। गांव में दर्जनभर से अधिक मुस्लिम परिवार रहते हैं, जिन्हें नमाज अदा करने के लिए अपने गांव से पांच किलोमीटर दूर दिड़बा की मस्जिद में जाना पड़ता था। दिन में कई बार नमाज अदा करने के लिए कई किमी का सफर तय करके जाना परिवार के हर सदस्य के लिए संभव नहीं है, जो काफी मुश्किल था।

मुस्लिम भाईचारे की ओर से गांव की पंचायत से जमीन मांगी गई, लेकिन किसी कारणों के चलते मस्जिद बनाने का काम पूरा नहीं हो सका व ना ही जगह मिली। मुस्लिम परिवारों की इच्छा थी कि मस्जिद के लिए जमीन गांव के नजदीक मिले।

उन्होंने हरमेश सिंह व बलबीर सिंह से बात की उनकी गांव के बीच तीन बिस्वा जमीन है। उन्होंने वह जगह लेनी चाही, जब मुस्लिम भाईचारे ने कहा कि हम पैसे देने के लिए तैयार हैं तो बलबीर व हरमेश सिंह ने कहा कि अगर यहां मस्जिद बनानी है तो हम एक पैसा भी नहीं लेंगे। वह यह जगह मुफ्त देंगे तो उन्होंने अपने परिवार से बात कर मुस्लिम भाईचारे को गांव के बीच जगह दान में दे दी।

अब आरंभ हुआ मस्जिद का निर्माण

अब उसी जगह पर मस्जिद बनाने का काम शुरू हो चुका है। जहां मुस्लिम भाईचारे के लोग खुश हैं व हिंदू भाईचारे के लोग में भी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। अब गांव से कोई मस्जिद बनाने के लिए ईंटें दे रहा है, कोई सीमेंट व अन्य सामग्री। मुस्लिम भाईचारे के लिए उनके अल्लाह का स्थान बनकर तैयार हो जाए तो इन परिवारों को नमाज अदा करने व अन्य धार्मिक कार्यक्रम के लिए गांव से बाहर न जाना पड़े।

मस्जिद तैयार होने पर पहली नमाज में मांगेंगे दुआ

मुस्लिम भाईचारे के लोगों का कहना है कि इस जगह पर मस्जिद बनकर तैयार हो जाएगी तो सबसे पहली नमाज इन हिंदू भाईचारे के परिवारों के नाम से पढ़ेंगे व इनकी खुशहाली की दुआ करेंगे। हमारा भाईचारा ऐसे ही बना रहे हिंदू परिवारों की ओर से आगे आने पर गांव की पंचायत भी अलग से मुस्लिम भाईचारे को धर्मशाला बनाने के लिए दस बिसवे जगह देने के लिए राजी हो चुकी है।

हिंदू परिवार ने दिया अनमोल तोहफा : हनीफ

ग्रामीण 75 वर्षीय हनीफ खान ने बताया कि इस गांव में उनके बुजुर्ग सबसे पहले आकर बसे थे। पहले दो घर होते थे, अब एक दर्जन के करीब घर हैं। उनके बड़े भाई 90 वर्ष के हैं व गांव के लोग सभी आपस में मिलकर रहते हैं। सभी समुदाय के लोग इकट्ठा रहते हैं। हमें नमाज अदा करने में दिक्कत होती थी, क्योंकि गांव से करीब पांच किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। अब हिंदू भाइयों का कैसे शुक्रिया अदा करें, जिन्होंने इस मुश्किल को हमेशा के लिए हल कर दिया है व मस्जिद बनाने के लिए मुफ्त में जगह दी है। मस्जिद का निर्माण शुरू हो चुका है व कुछ ही समय में मस्जिद बनकर तैयार हो जाएगी। सरपंच ने भी हमें धर्मशाला बनाने के लिए जमीन देने का वादा किया।

ऐसी सेवा हर किसी के नसीब में नहीं आतीः हरमेश सिंह

जमीन दान देने वाले हरमेश सिंह बताया कि गांव में 11 मुस्लिम परिवार रहते हैं, जो नमाज अदा करने के लिए गांव से पैदल चलकर पांच किलोमीटर दूर दिड़बा जाते हैं। गांव की पंचायत से जगह नहीं मिल पाई। उन्हें पता चला तो उन्होंने अपने परिवार से सलाह करके जमीन मुफ्त देने का फैसला लिया। अल्लाह का दरबार बनाने के लिए दान दी गई जगह एक सेवा के समान है। ऐसा मौका हर किसी को नसीब नहीं होता। उनके परिवार को यह मौका मिला, इसके लिए भी वह बेहद खुश हैं।

बयान नहीं कर सकते अपनी खुशीः मौलवी

मौलवी मोहम्मद काजी ने बताया कि उन्हें कितनी खुशी है इसे बयान नहीं किया जा सकता। हिंदू परिवार ने आगे आकर अल्लाह का घर बनाने के लिए जगह दी है। पहले जो लोग अपने घरों में नमाज अदा करते थे या गांव से बाहर जाते थे अब उन्हें उक्त परिवार के सहयोग से जगह मिल चुकी है। अब एक जगह बैठकर मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा कर सकेंगे व अल्लाह से गुजारिश करते हैं कि हिंदू भाइयों को हमेशा खुश रखें।

हमें हिंदू-मुस्लिम भाईचारे पर गर्व

सरपंच बलविंदर सिंह ने कहा हमें अपने गांव पर बहुत ही गर्व महसूस हो रहा है। एक समुदाय के लोग दूसरे समुदाय के काम आ रहे हैं। पंचायत की ओर से मुस्लिम भाइयों को धर्मशाला बनाने के लिए अलग से जगह दे रहे हैं, जहां पर यह कोई अपना समागम कर सकेंगे।

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