फल-सब्जियों को वायरसमुक्त करने के लिए CIPHET ने बनाई मशीन, ऐसे करेगी काम

ICAR और CIPHET लुधियाना ने फल व सब्जियों पर से वायरस साफ करने के लिए OGC नामक वॉशर तैयार किया है। इससे फल व सब्जियां कीटाणुुमुुक्त हो जाएंगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 28 Jun 2020 10:11 AM (IST) Updated:Sun, 28 Jun 2020 12:48 PM (IST)
फल-सब्जियों को वायरसमुक्त करने के लिए CIPHET ने बनाई मशीन, ऐसे करेगी काम
फल-सब्जियों को वायरसमुक्त करने के लिए CIPHET ने बनाई मशीन, ऐसे करेगी काम

लुधियाना [आशा मेहता]। कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर हर वस्तु को स्वच्छ और कीटाणुमुक्त रखना लोगों की दिनचर्या में शुमार हो चुका है। खासकर खाद्य पदार्थों को लेकर लोग ज्यादा सजग हो चुके हैं। इंडियन कौंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (ICAR) और सेंट्रल इंस्टीटयूट ऑफ पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CIPHET) लुधियाना भी इसके मद्देनजर नई तकनीक ला रहे हैं। संस्थान ने फल व सब्जियों पर से वायरस साफ करने के लिए OGC नामक वॉशर तैयार किया है। यह वॉशर ओजोन सिद्धांत (Ozone theory) पर आधारित है।

मशीन तैयार करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि सरकारी क्षेत्र में इस तरह की मशीन का निर्माण देश में पहली बार हुआ है। इस मशीन को CIPHET के डॉ. आरके सिंह के नेतृत्व में तकनीकी रिसर्च टीम डॉ. रणजीत सिंह, डॉ. के नरसईया व सूर्या ने तीन महीने के गहन अनुसंधान के बाद तैयार किया है।

शोधकर्ता डॉ. रणजीत सिंह ने बताया कि यह वॉशर Ozone theory पर आधारित है और इस्तेमाल करने में बहुत आसान है। वॉशर के अंदर एक ओजोन जेनरेटर लगा है, जो कि बिजली से संचालित होता है। जैसे ही कंप्रेसर ओजोन जेनरेटर को हवा देता है, तो ओजोन जेनरेटर ऑक्सीजन के अणु को तोड़ देता है। इसके फलस्वरूप ओजोन गैस (ओ-3) निर्मित होती है। इस ओजोन गैस को सिलीकॉन पाइप द्वारा बर्तन में पानी में भीगे फल एवं सब्जियों में डिफ्यूज किया जाता है। यह ओजोन गैस पानी में मिलकर ओजोन वाटर बना देती है। इससे फल एवं सब्जियों की सतह पर लगे कीटाणु, विषाणु एवं रासायनिक तत्व निष्क्रिय हो जाते हैं। इस प्रक्रिया की अवधि 15 से 30 मिनट की होती है। फल एवं सब्जियों को धोकर सुखाने के बाद इस्तेमाल के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है।

रणजीत के मुताबिक OGC को घरों, होटलों एवं छोटे फूड प्रोसेसिंग यूनिट में आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। इस प्रोटोटाइप को तैयार करने में लगभग 3500 रुपये की लागत आई है। यह मशीन प्राइवेट कंपनियों द्वारा निर्मित इसी तरह की मशीनों की स्पर्धा में कम लागत एवं पूर्ण खाद्य सुरक्षा प्रदान करने में अग्रणी है। अन्य कंपनियों की मशीन की कीमत दस हजार से शुरू होती है।

तकनीक के साथ ट्रेनिंग भी देगा CIPHET

डॉ. रणजीत सिंह ने कहा कि CIPHET की यह तकनीक आम लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है। अगर कोई इस तकनीक को लेना चाहता है तो CIPHET में आकर संपर्क करे। तकनीक के साथ साथ ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

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