परीक्षा परिणाम सुधारने की कवायद, 33 फीसद से कम अंक वाले स्टूडेंट्स को शिक्षक देंगे कोचिंग

शिक्षा विभाग की तरफ से बच्चों की परफॉर्मेंस का रिकॉर्ड प्रत्येक जिले के हिसाब से जिला शिक्षा अधिकारियों और शिक्षकों को बांटा गया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 04 Feb 2020 03:19 PM (IST) Updated:Tue, 04 Feb 2020 03:19 PM (IST)
परीक्षा परिणाम सुधारने की कवायद, 33 फीसद से कम अंक वाले स्टूडेंट्स को शिक्षक देंगे कोचिंग
परीक्षा परिणाम सुधारने की कवायद, 33 फीसद से कम अंक वाले स्टूडेंट्स को शिक्षक देंगे कोचिंग

जालंधर, जेएनएन। पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हो रही हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग की तरफ से मिशन शत-प्रतिशत अभियान जोरों शोरों से चलाया जा रहा है। विभाग के निर्देश पर अधिकारियों ने उन विद्यार्थियों की पहचान कर ली है जिनके 33 फीसद से कम और 90 फीसद से अधिक अंक आए हैं। अभियान के तहत बच्चों की परफॉर्मेंस को और बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है। शिक्षकों ने पढ़ाई में कमजोर बच्चों को कोचिंग देने के प्रयास तेज कर दिए हैं। शिक्षा विभाग का उद्देश्य इन बच्चों की कमियां सुधार कर परिणाम बेहतर बनाना है।

कमजोर बच्चों की कोचिंग पर विशेष ध्यान

इसके लिए शिक्षा विभाग की तरफ से बच्चों की परफॉर्मेंस का रिकॉर्ड प्रत्येक जिले के हिसाब से जिला शिक्षा अधिकारियों और शिक्षकों को बांटा गया है। इस रिकॉर्ड के आधार पर बच्चों की परफॉर्मेंस में सुधार लाने के प्रयास किए जाएंगे। इस रिकॉर्ड में प्रत्येक बच्चे की विषय के हिसाब से परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार की गई थी। इसी के अनुसार अब उन्हें संबंधित विषयों की कोचिंग देने पर खास ध्यान दिया जा रहा है।

बच्चों को ऑडियो-वीडियो माध्यम से भी गाइड कर रहे शिक्षक

बच्चों को परीक्षाओं का फॉर्मेट वह प्रश्न पत्र समझने में दिक्कत ना हो इसलिए उन्हें पीपीटी तैयार करके प्रश्न पत्र हल करने सिखाए जा रहे हैं। इससे वह यह सीख पाएंगे कि कैसे कम समय में समय में वह ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पत्र हल कर सकते हैं। यही नहीं, बच्चों की समझ को ध्यान में रखते हुए शिक्षक उन्हें ऑडियो-वीडियो माध्यम से भी गाइड कर रहे हैं। सारी कवायद का मकसद यह है कि विद्यार्थी परीक्षा में किसी प्रकार का तनाव न लेकर आराम से परीक्षा दे सकें और बेहतर अंक लाएं।

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