जालंधर में मोटू-पतलू मामले में अब मेयर ने भी मांगी रिपोर्ट

नगर निगम का बिल्डिंग डिपार्टमेंट एक बार फिर करप्शन को लेकर चर्चा में है। कांग्रेस के पार्षद और पार्षद पति की जोड़ी पर अवैध इमारतों से 2 करोड़ रुपये रंगदारी वसूलने और खुद की अवैध इमारतें खड़ी करने आदि आरोपों पर मेयर जगदीश राजा ने रिपोर्ट मांग ली है।

By Edited By: Publish:Mon, 15 Feb 2021 07:30 AM (IST) Updated:Mon, 15 Feb 2021 01:16 PM (IST)
जालंधर में मोटू-पतलू मामले में अब मेयर ने भी मांगी रिपोर्ट
नगर निगम का बिल्डिंग डिपार्टमेंट एक बार फिर करप्शन को लेकर चर्चा में है।

जालंधर, जेएनएन। नगर निगम का बिल्डिंग डिपार्टमेंट एक बार फिर करप्शन को लेकर चर्चा में है। कांग्रेस के पार्षद और पार्षद पति की जोड़ी पर अवैध इमारतों से 2 करोड़ रुपये रंगदारी वसूलने और खुद की अवैध इमारतें खड़ी करने, कालोनियां विकसित करने और जमीनों पर कब्जों के आरोपों पर मेयर जगदीश राजा ने रिपोर्ट मांग ली है। मेयर ने कहा कि मोटू-पतलू का मामला काफी चर्चा में है और इस पर वह रिपोर्ट ले रहे हैं। सोमवार को अफसरों से विस्तृत चर्चा करेंगे। मेयर ने कहा कि करप्शन को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह यह आरोप राजनीतिक नहीं हैं क्योंकि निगम की अधिकृत कमेटी ने ही लगाए हैं। ऐसे में यह मामला काफी गंभीर हो जाता है।

उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच के बाद सख्त कार्रवाई होगी। बिल्डिंग ब्रांच पर इससे दो महीने पहले तब आरोप लगे थे जब पंजाब सरकार में डायरेक्टर मेजर ¨सह का आरटीआई एक्टिविस्ट सिमरनजीत ¨सह से विवाद हो गया था तब भी सरकार के डायरेक्टर मेजर ¨सह ने ही बिल्डिंग डिपार्टमेंट पर आरोप लगाए थे कि अफसरों की मिलीभगत से ही लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है। अकाली-भाजपा सरकार के समय में भी ब्रांच ऐसे ही आरोपों के घेरे में रहा है। हालांकि ब्रांच पर अवैध कॉलोनियां और अवैध निर्माण रुकवाने के बजाय बनवाने के नए-नए तरीके ढूंढ लेता है।

नए नहीं हैं बिल्डिंग ब्रांच पर करप्शन के आरोप

बिल्डिंग डिपार्टमेंट के अधिकारियों के लिए करप्शन के आरोप कोई नई बात नहीं है। इस तरह के आरोप कई सालों से लग रहे हैं लेकिन इसका ना तो अफसरों पर कोई असर है और ना ही अवैध कालोनियां विकसित करने वालों और बिल्डरों पर। हालिया मामला एक पार्षद और एक पार्षद पति के रंगदारी वसूलने से जुड़ा हे। मोटू पतलू के नाम से चर्चित जोड़ी पर 70 इमारतों से वसूली का आरोप है। यह आरोप अगर राजनीतिक होते तो अलग बात थी लेकिन नगर निगम की संविधानिक ईकाई टाउन प्लानिंग एंड बि¨ल्डग कमेटी के चेयरमैन निर्मल ¨सह निम्मा ने मी¨टग में लगाए हैं। हालांकि अभी पार्षद और पार्षद पति के नाम का खुलासा नहीं किया है लेकिन यह दोनों नार्थ विधानसभा हलका में एक्टिव हैं। चेयरमैन निम्मा का यह भी आरोप रहा है कि दोनों की वजह से नार्थ हलके में कांग्रेस की छवि खराब हुई है।

बड़ी धांधली के बजाय दूसरे मुद्दों पर फंसा हैं निगम

नगर निगम का पिछला तीन साल का कार्यकाल बड़ी करप्शन को रोकने के बजाए छोटे-छोटे मुद्दों में उलझा है। ब्रांच में करोड़ों की गड़बड़ी है। ऐसा ही तहबाजारी में हो रहा है। प्रापर्टी टैक्स की कलेक्शन बढ़ाने के लिए काम नहीं किया जा रहा। पानी के बिलों में आय काफी बढ़ सकती है लेकिन इन सबके बजाए नगर निगम का फोकस सफाई सेवकों की मांगों में उलझा है। सफाई सेवकों के छोटे-छोटे काम पूरी नहीं किए जा रहे और सफाई के काम को भी उलझाया जा रहा है।

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