परोपकार से ही ईश्वर प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है : जिदा बाबा

परोपकार ही जीवन है। जिस शरीर से धर्म नहीं हुआ यज्ञ न हुआ और परोपकार न हो सका उस शरीर का क्या लाभ।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 03:48 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 03:48 PM (IST)
परोपकार से ही ईश्वर प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है : जिदा बाबा
परोपकार से ही ईश्वर प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है : जिदा बाबा

संवाद सहयोगी, दातारपुर : परोपकार ही जीवन है। जिस शरीर से धर्म नहीं हुआ, यज्ञ न हुआ और परोपकार न हो सका, उस शरीर का क्या लाभ। सेवा या परोपकार की भावना चाहे देश के प्रति हो या किसी व्यक्ति के प्रति, वह मानवता है। रविवार को दुर्गा माता मंदिर बड़ी दलवाली में प्रवचन करते हुए आध्यात्मिक विभूति राजिदर सिंह जिदा बाबा ने कहा कि परोपकार से ही ईश्वर प्राप्ति का मार्ग खुलता है। व्यक्ति जितना परोपकारी बनता है, उतना ही ईश्वर की समीपता प्राप्त करता है। परोपकार से मनुष्य जीवन की शोभा प्राप्त करता है। परोपकार से मनुष्य जीवन की शोभा और महिमा बढ़ती है। सच्चा परोपकारी सदा प्रसन्न रहता है। वह दूसरे का कार्य करके हर्ष की अनुभूति करता है। परोपकार की प्रवृत्ति को अपनाकर हम एक प्रकार से ईश्वर की रची सृष्टि की सेवा करते हैं। ऐसा करने से हमें जो आत्मसंतोष और तृप्ति मिलती है, उससे हमारी सारी संपत्तियों की सार्थकता साबित होती है। परोपकार की एक आध्यात्मिक उपयोगिता भी है। वह यह है कि हम दूसरों की आत्मा को सुख पहुंचाकर आत्मा को सुखी बनाते हैं। जब हम परोपकार को अपना स्वभाव बना लेते हैं, तो उसका दोहरा लाभ होता है। परोपकार की नीति के तहत किसी की सहायता करके और दूसरों के प्रति सहानुभूति दर्शा कर जिन दीनहीनों का कष्ट दूर किया जाएगा, उनमें सद्भावपूर्ण मानवीय चेतना जागृत होगी। ऐसा होने से वे भी दूसरों की सेवा और सहयोग करने का महत्व समझने लगते हैं। इस अवसर पर प्रितपाल सिंह, गोला पंडित, राकेश कुमार, मोनू पठानिया, भोली देवी, मनदीप सिंह, बिशन सिंह, दिलबाग सिंह, अरुणा रानी, रविद्र शर्मा, सरोज बाला जगदीश चंद्र उपस्थित थे।

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