विद्यार्थियों ने मंत्री धर्मसोत के खिलाफ की नारेबाजी

सरकारी आइटीआइ गुरदासपुर में पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन ने समाज भलाई मंत्री साधू ¨सह धर्मसोत के खिलाफ नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 23 Jul 2018 06:39 PM (IST) Updated:Mon, 23 Jul 2018 06:39 PM (IST)
विद्यार्थियों ने मंत्री धर्मसोत के खिलाफ की नारेबाजी
विद्यार्थियों ने मंत्री धर्मसोत के खिलाफ की नारेबाजी

संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : सरकारी आइटीआइ गुरदासपुर में पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन ने समाज भलाई मंत्री साधू ¨सह धर्मसोत के खिलाफ नारेबाजी की।

यूनियन के प्रांतीय नेता अमरक्रांति ने कहा कि सरकार के समाज भलाई मंत्री साधू ¨सह धर्मसोत ने पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के तहत दलित विद्यार्थियों के राज्य के सभी सरकारी व प्राइवेट और एडिड कॉलेजों व स्कूलों में बिना किसी नान रिफंडएबल फीस के दाखिला देने की बात कही थी और यह विश्वास दिलाया था कि पंजाब में किसी भी दलित विद्यार्थी से कोई फीस नहीं ली जाएगी, मगर यह सब कुछ झूठ ही साबित हुआ, बल्कि हकीकत यह है कि राज्य में दलित विद्यार्थियों से भारी फीस-फंड वसूले जा रहे है। जिस कारण बहुत से दलित विद्यार्थी कॉलेज में दाखिला लेने से वंचित रह है।

उन्होंने कहा कि पंजाब में विद्यार्थियों और अभिभावकों की पीटीए फंड के माध्यम से अंधाधुंध लूट की जा रही है। पंजाब के 55 सरकारी कॉलेज है, यहां 1800 के करीब लेक्चरर की पोस्टें है, मौजूदा समय में इन 55 कॉलेजों में सिर्फ 600 अध्यापक ही रेगुलर वेतन ले रहे है तथा 1200 अध्यापकों का बोझ सरकार अपने खजाने पर डालने की बजाए विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों पर डाला जा रहा है तथा 2 हजार से लेकर 8 हजार से भी अधिक पीटीए फंड वसूला जा रहा है। उन्होंने मांग की कि सरकार सरकारी कॉलेजों में लगे इन अध्यापकों को वेतन अपने सरकारी खजाने में दें और पीटीए फंड वसूलना बंद करें। पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन की अध्यक्षता में पूरे राज्य में 14 सरकारी कॉलेजों में पीटीए फंड का बहिष्कार किया हुआ है और गेस्ट फैकल्टी अध्यापकों को सरकारी खजाने में से वेतन देने की मांग की जा रही है।

नेताओं ने अपने संघर्ष को जारी रखने का ऐलान किया और पीटीए फंड बंद कर गेस्ट फेकल्टी टीचरों को सरकारी खजाने में वेतन देने और रुके वजीफे बहाल करने की मागं की।

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