आलू ने तोड़े सारे रिकार्ड, पहली बार 50 रुपये किलो

भाई मैं आलू के भाव पूछ रहा हूं सेब के नहीं। सेब तो 30 रुपये से 50 रुपये के बीच बिक रहा है और आलू 50 रुपये थोड़े ही बिक सकता है। यह एक ग्राहक की आलू विक्रेता दुकानदार से आलू का भाव पूछने की बात है। हरी सब्जियों के भाव पहले ही आसमान छू रहे थे। अब आलू के भाव ने भी गति पकड़ी है और फरीदकोट में यह पहला अवसर है जब आलू का भाव 50 रुपये हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 09:40 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 05:12 AM (IST)
आलू ने तोड़े सारे रिकार्ड, पहली बार 50 रुपये किलो
आलू ने तोड़े सारे रिकार्ड, पहली बार 50 रुपये किलो

प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट : भाई मैं आलू के भाव पूछ रहा हूं, सेब के नहीं। सेब तो 30 रुपये से 50 रुपये के बीच बिक रहा है और आलू 50 रुपये थोड़े ही बिक सकता है। यह एक ग्राहक की आलू विक्रेता दुकानदार से आलू का भाव पूछने की बात है। हरी सब्जियों के भाव पहले ही आसमान छू रहे थे। अब आलू के भाव ने भी गति पकड़ी है और फरीदकोट में यह पहला अवसर है जब आलू का भाव 50 रुपये हुआ है।

आलू और प्याज दोनों के भाव 50-50 रुपये प्रति किलो होने से, जो लोग हरी सब्जियां नहीं खरीद पा रहे थे, उनका निवाला छीनने जैसे हालात हो गए है। कुछ महीने तक जो आलू दस से पंद्रह रुपये बिक रहा था। उसमें ऐसा क्या हो गया कि वह अब पचास रुपये किलो बिकने लगा है। समाजसेवी महेन्द्र पाल बांसल ने कहा कि लोग तरह-तरह के मुद्दों में उलझे हुए है और जमाखोर बेतहाशा आलू-प्याज का स्टोर कर अपने मन-माफिक रेट तय कर हैं। इससे लोगों को खाने के लाले पड़ गए है। कम मात्रा में आलू मंगवाया जा रहा

दुकानदार वीरेंद्र कुमार ने बताया कि पीछे से आलू के भाव में तेजी है। व्यापारियों द्वारा बढ़े भाव को देखते हुए कम मात्रा में आलू मंगवाया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर डिमांड ज्यादा होने के कारण इसके भाव में ज्यादा तेजी आ गई है। उन्होंने कहा कि भाव ज्यादा होने के कारण जो लोग पांच किलो आलू खरीदते थे। वह अब आधा किलो खरीद रहे है, वह भाव को लेकर भारी मशक्कत कर रहे है, परंतु वह लोग क्या करे जब पीछे से ही आलू के भाव में बढ़ोत्तरी हुई है। वह लोग तो किलो पीछे दो से तीन रुपये का लाभ लेकर इसे आगे बेच रहे हैं। मंडी में हो रही आवक कम

नाम न छापने की शर्त पर एक आलू के थोक विक्रेता ने बताया कि मंडी में आलू 28 रुपये से लेकर 35 रुपये के बीच विभिन्न वैरायटी में उपलब्ध है। हालांकि पीछे से आलू मंडी में कम आ रहा है, जिसके कारण यह तेजी बनी हुई है। उन्होंने बताया कि वह पिछले 34 वर्षो से सब्जियों की आढ़त का काम कर रहे है, परंतु जिस प्रकार से आलू का भाव बढ़ा है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। सेब, मुसम्मी, अनार, प्याज और आलू सभी पचास रुपये किलो

यह पहला अवसर है, जबकि बाजार में खास लोगों की पंसद सेब, मुसमी और अनार को भाव में प्याज व आलू टक्कर दे रहा है। इस प्रकार से आलू आलू-प्यास के भाव बढ़ रहे है। उससे आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इसके भाव में और तेजी होगी, भाव बढ़ोत्तरी के पीछे कालाबाजारी की बू आ रही है।

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