सूख रही शहर की Life Line, दो माह में चार फीट तक गिरा सुखना का जलस्तर

गर्मी का असर शहर की लाइफलाइन सुखना लेक पर भी दिखने लगा है। आसमान से बरस रही आग के कारण सुखना लेक अब रोजाना चार से छह इंच तक सूख रही है।

By Edited By: Publish:Sun, 02 Jun 2019 09:18 PM (IST) Updated:Mon, 03 Jun 2019 10:46 AM (IST)
सूख रही शहर की Life Line, दो माह में चार फीट तक गिरा सुखना का जलस्तर
सूख रही शहर की Life Line, दो माह में चार फीट तक गिरा सुखना का जलस्तर

चंडीगढ़, [बलवान करिवाल]। गर्मी का असर शहर की लाइफलाइन सुखना लेक पर भी दिखने लगा है। आसमान से बरस रही आग के कारण सुखना लेक अब रोजाना चार से छह इंच तक सूख रही है। पिछले दो महीने में सुखना चार फीट से ज्यादा तक सूख चुकी है। मार्च में सुखना का जलस्तर 1160 स्क्वेयर फीट के आसपास था। जो अब जून में गिरकर 1156 से भी नीचे चला गया है। वहीं बात एक साल की करें तो अगस्त से लेकर अब तक 7 फीट पानी कम हो चुका है। जून में जिस तरह से गर्मी ने पुराने रिकॉर्ड तोड़े हैं। तापमान भी 44 से पार हो चुका है। ऐसे में अगले 20 दिनों में पानी तीन फीट तक गिरने का अनुमान है।

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रशासन को सुखना सूखने से बचाने के लिए ठोस विकल्प खोजने के आदेश दिए थे। इसके बाद भाखड़ा से रोजाना दो एमजीडी पानी सुखना में डालने का प्लान भी तैयार हुआ। साथ ही किशनगढ़ में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगना था। लेकिन अभी तक सुखना सिर्फ बरसात के भरोसे ही है। प्रशासन कोई ठोस जल स्त्रोत का विकल्प सुखना के लिए तय नहीं कर पाया है।

अच्छी बारिश नहीं हुई तो होगी दिक्कत

मानसून समय से नहीं आया तो स्थिति और खराब हो सकती है। साथ बरसात भी जमकर होनी जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो सुखना को पानी नहीं मिल पाएगा। सुखना शहर की लाइफलाइन है, यहां रोजाना एक लाख से अधिक पर्यटक और हजारों नियमित सैर करने वाले आते हैं। आम से लेकर खास व्यक्ति की सुबह सुखना से शुरू होती है। ऐसे में इसका सूखना शहर की खूबसूरती पर तो असर डालेगी ही लोगों की सुबह की शुरुआत और रात को सुकून भी नहीं ठंडी हवा के साथ नहीं मिलेगा।

पिछले साल टूटा था 10 साल का रिकॉर्ड

सूख चुकी सुखना लेक 2018 में तर हो गई थी। जलस्तर 1164 फीट तक पहुंच गया था। नौबत यहां तक आ गई थी कि रेगुलेटरी एंड पर फ्लड गेट खोलकर सुखना चौ में पानी निकालना पड़ा था। एक पूरा दिन लाखों क्यूसिक पानी सुखना चौ के रास्ते घग्गर में भेजा गया था। इससे पहले 2008 में ऐसी नौबत आई थी। इसके बाद से सुखना कभी खतरे के निशान तक नहीं भरी थी। 2017 में तो सुखना इस कदर सूख गई थी कि बो¨टग तक बंद करनी पड़ी थी। सोलर बोट भी बीच में मिट्टी के अंदर फंस जाती थी। इसके अलावा रेगुलेटरी एंड की तरफ बीचोंबीच सुखना सूख गई थी। लोग बीच में ही उतरकर घूमने लगे थे।

पाइपलाइन पर खर्चे 55 लाख गए बेकार

2017 में सुखना लेक का जलस्तर 1148 फीट से भी नीचे चला गया था। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भी जबरदस्त फटकार लगाई थी। कई बार जजों ने लेक का मुआयना किया। फटकार के बाद ही प्रशासन ने करीब 55 लाख रुपये खर्च कर गोल्फ रेंज के एरिया में लगते सात ट्यूबवेल का पानी पाइपलाइन बिछाकर सुखना में डाला था। दो महीने लगातार पाइपलाइन से पानी सुखना में डाला गया। लेकिन अब इस पाइप लाइन से न तो सुखना को पानी मिल रहा है और न ही इतनी मोटी रकम खर्च करने का कोई लाभ हुआ।

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