वाहनों का दौड़ा पहिया, चंडीगढ़ की हवा दिल्ली से भी हुई खराब

लॉकडाउन में छूट मिलने के रुझान भी आने शुरू हो गए हैं।

By Edited By: Publish:Mon, 11 May 2020 10:23 PM (IST) Updated:Tue, 12 May 2020 03:01 AM (IST)
वाहनों का दौड़ा पहिया, चंडीगढ़ की हवा दिल्ली से भी हुई खराब
वाहनों का दौड़ा पहिया, चंडीगढ़ की हवा दिल्ली से भी हुई खराब

चंडीगढ़, [बलवान करिवाल]। लॉकडाउन में छूट मिलने के रुझान भी आने शुरू हो गए हैं। सोमवार को ही प्रदूषण ने तीन महीने के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। तीन महीने से चंडीगढ़ की हवा देश के दूसरे शहरों से साफ थी। लेकिन एक ही दिन में वाहनों की रफ्तार ने इस स्वच्छता में जहर घोल दिया। सोमवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 159 दर्ज किया गया। लंबे समय बाद सड़कों पर बड़ी संख्या में उतरे वाहनों के काले धुएं ने दिल्ली को इस मामले में पछाड़ दिया। ऐसा पहली बार हुआ जब चंडीगढ़ की हवा दिल्ली से भी खराब हो गई। दिल्ली में सोमवार को एक्यूआइ 106 रहा। जबकि गुरुग्राम का एक्यूआइ 110 दर्ज किया गया।

अकसर दिल्ली एनसीआर की हवा देश में सबसे खराब रहती है। लेकिन सोमवार को तो चंडीगढ़ ने प्रदूषण के उच्च स्तर में अपना नाम दर्ज करा लिया। प्रदूषण के लिहाज से यह अच्छे संकेत नहीं हैं। दोपहर ढाई बजे अपडेट हुए एक्यूआइ डाटा में यह आंकड़े सामने आए। यह हाल तो तब है जब बड़े शोरूम, मॉल, बहुत से ऑफिस पब्लिक डी¨लग बंद हैं। 33 प्रतिशत स्टाफ ही काम कर रहा है। जब सभी आने लगेंगे तो हाल क्या होगा, अंदाजा लगा सकते हैं।

लॉकडाउन में बह रही थी साफ हवा

लॉकडाउन में इंडस्ट्री, मैन्यूफेक्च¨रग यूनिट और वाहनों का पहिया थमा हुआ था। जिस वजह से हवा एकदम साफ हो गई थी। 21 अप्रैल को चंडीगढ़ का एक्यूआइ 26 था। जबकि नई दिल्ली का 78 था। फरवरी से अब तक यह 100 के पार नहीं हुआ था। लेकिन अब वाहनों की पहिया घूमते ही आंकड़ा भी बढ़ने लगा है। मार्च में तो एक समय यह 16 तक भी चला गया था जो देश में सबसे कम था। इससे प्रदूषण की परत छट गई और सुखना लेक से मीलों दूर चूड़धार के बर्फ से ढके पहाड़ भी दिखने लगे थे। प्रदूषण तेजी से न बढ़े इसको देखते हुए यूटी प्रशासन साइकिल से चलने को प्रोत्साहित कर रहा है।

जलने से बचा था तीन करोड़ लीटर फ्यूल

कोरोना से पहले और अब छूट के बाद फिर से किस कदर संसाधनों का दोहन होता रहा है। यह अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 22 मार्च जनता क‌र्फ्यू से अब तक डेढ़ महीने में करीब तीन करोड़ लीटर फ्यूल जलने से बच गया। इस फ्यूल के बचने से करीब 100 करोड़ रुपये भी बचे हैं। अब अंदाजा लगाइये इतना पेट्रोल और डीजल जलता तो उससे कितने टन जहरीली गैस निकलकर वातावरण को जहरीला करती। अब फिर से वही प्रदूषण की दौड़ शुरू हो गई है।

देश के प्रमुख शहरों में एक्यूआइ

चंडीगढ़ 159

पंचकूला 75

नई दिल्ली 106

लुधियाना 42

जालंधर 65

करनाल 51

गुरुग्राम 110

जयपुर 140

लखनऊ 101

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