पंजाब सरकार की नजर पाकिस्तान जा रहे पानी पर, अफसरों से रिपोर्ट मांगी

पंजाब सरकार की नजर अब पाकिस्‍तान जा रहे नदी जल पर है। वह इसका इस्‍तेमाल अपने राज्‍य में करना चाहती है। इस संबंध में सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने अफसरों से रिपाेर्ट मांगी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 27 Apr 2017 10:38 AM (IST) Updated:Thu, 27 Apr 2017 10:38 AM (IST)
पंजाब सरकार की नजर पाकिस्तान जा रहे पानी पर, अफसरों से रिपोर्ट मांगी
पंजाब सरकार की नजर पाकिस्तान जा रहे पानी पर, अफसरों से रिपोर्ट मांगी

जेएनएन, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों पंजाब यात्रा के दौरान पाकिस्तान को जा रहे पानी को रोकने की बात कही थी। अब पंजाब के सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने इस संबंध में विभाग से रिपोर्ट मांग ली है कि कितना पानी पाकिस्तान को जा रहा हैै, ताकि पाकिस्तान जा रहे पानी का प्रयोग पंजाब में किया जा सके।

सिंचाई भवन में विभाग की समीक्षा बैठक में राणा गुरजीत सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि कोई ऐसा मजबूत ढांचा विकसित किया जाना चाहिए, ताकि पाकिस्तान को जा रहे पानी का प्रयोग पंजाब की जरूरतों के लिए किया जा सके। यह भी पढ़ें: चाहत को PGI में भी नहीं मिली राहत, आठ माह की बच्‍ची का वजन हुआ 16 किलो

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के पूरा प्रयास है कि इस पानी को पंजाब के किसानों की सिंचाई व अन्य जरूरतों के लिए प्रयोग योग्य बनाया जा सके। इस अवसर पर उन्होंने दरियाई प्रबंधन और सीमावर्ती क्षेत्र की गतिविधियों और सिंचाई विभाग के डे्रनेज विंग के अहम प्रोजेक्टों की समीक्षा भी की।

ड्रेनों की सफाई संबधी समीक्षा करते हुए सिंचाई मंत्री ने चीफ इंजीनियर ड्रेनेज एके बांसल को कहा कि वह खर पतवार और झाड़ नाशक गलाईसोफोट रसायन के प्रयोग संबंधी रिपोर्ट पेश करें, ताकि पता चल सके की ड्रेनों में इनको खतम करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि इस रसायन के प्रयोग के कारण मछलियां या पानी के अन्य जीव जंतुओं को कोई नुकसान न पहुंचे। उन्होंने कहा कि ड्रेनों की सफाई मनरेगा स्कीम के अधीन लोगों से करवाई जाए, ताकि बेरोजगारों को भी काम मिल सके।

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काम में पारदर्शिता लाई जाए

विभाग के कार्यो में ओर पारदर्शिता लाने पर जोर देते हुए राणा ने कहा कि विभाग का आंतरिक सतर्कता विंग मजबूत किया जाना चाहिए। उन्होंने विभाग के सभी विंगों को वॉट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए और कहा कि इन ग्रुपों में स्वयं उनको और विभाग के उच्च अधिकारियों को शामिल किया जाए। वह स्वयं इन ग्रुपों की समीक्षा करेंगे।

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