प्रशासनिक विभाग की इमारत में आग लगने का मामला, इंश्योरेंस कंपनी पीयू को देगी पांच लाख

जब यूनिवर्सिटी ने इंश्योरेंस क्लेम की मांग की तो इंंश्योरेंस कंपनी ने देने से मना कर दिया। पीयू यूनिवर्सिटी ने अपने रजिस्ट्रार द्वारा उपभोक्ता फोरम के स्टेट कमीशन में शिकायत दी थी।

By Sat PaulEdited By: Publish:Sun, 28 Apr 2019 01:50 PM (IST) Updated:Sun, 28 Apr 2019 01:50 PM (IST)
प्रशासनिक विभाग की इमारत में आग लगने का मामला, इंश्योरेंस कंपनी पीयू को देगी पांच लाख
प्रशासनिक विभाग की इमारत में आग लगने का मामला, इंश्योरेंस कंपनी पीयू को देगी पांच लाख

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। दो साल पहले पीयू के प्रशासनिक विभाग की इमारत में आग लगने के बाद वहां रखा सारा सामान जलकर राख हो गया था। पीयू ने पूरी यूनिवर्सिटी का पहले ही सेक्टर-35 स्थित न्यू इंडिया एश्योरेंस इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से इंश्योरेंस करवा रखा था। जब यूनिवर्सिटी ने इंश्योरेंस क्लेम की मांग की तो इंंश्योरेंस कंपनी ने देने से मना कर दिया। पीयू यूनिवर्सिटी ने अपने रजिस्ट्रार द्वारा उपभोक्ता फोरम के स्टेट कमीशन में शिकायत दी थी। अब मामले की सुनवाई के बाद स्टेट कमीशन ने इंश्योरेंस कंपनी को पीयू को क्लेम के 43,67,688 रुपये नौ प्रतिशत ब्याज के साथ और पांच लाख रुपये अलग से मुआवजा राशि देने के आदेश दिए है। कमीशन ने इंश्योरेंस कंपनी को केस खर्च के 33 हजार रुपये भी देने के आदेश दिया है। 

20 साल से बीमा करवा रही थी यूनिवर्सिटी 

पीयू ने स्टेट कमीशन में याचिका दायर कर बताया था कि पिछले 20 साल से वे पूरी यूनिवर्सिटी का इंश्योरेंस करवा रहे हैं। बताया कि इस इंश्योरेंस में पीयू की इमारतों से लेकर उनमें रखे सामानों में अगर आग लग जाए या चोरी हो जाए, तो क्लेम दिया जाना था। इंश्योरेंस कंपनी के मैनेजर सुनील गांधी आए और उन्होंने वर्ष 2015-2016 के लिए पीयू की इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू कर दिया। इसके बाद कंपनी ने 17 मई, 2016 में पॉलिसी को रिन्यू किया। पॉलिसी को रिन्यू करवाने के लिए यूनिवर्सिटी पैसे भी दे रही थी। इसके बाद 14 मई, 2017 को पीयू के प्रशासनिक विभाग की इमारत में आग लग गई। पीयू ने इसके बाद नुकसान की भरपाई के लिए इंश्योरेंस कंपनी से 43,67,688 रुपये क्लेम की मांग की। इसके लिए पीयू ने सभी जरूरी दस्तावेज भी कंपनी को देे दिए। लेकिन इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम देने से मना कर दिया। परेशान होकर पीयू ने तब स्टेट कमीशन का दरवाजा खटखटाया। 

इंश्योरेंस कंपनी की दलील सुनने के बाद कमीशन ने सुनाया फैसला

अपना पक्ष रखते हुए इंश्योरेंस कंपनी ने कहा कि पीयू ने सामान्य इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं ली हुई थी। यूनिवर्सिटी ने एक विशेष पॉलिसी ली हुई थी। विशेष पॉलिसी में उन्हीं वस्तुओं के लिए क्लेम मिलता है, जिनका जिक्र पॉलिसी में किया गया था। बताया कि पूरी पॉलिसी के बारे में पीयू को पहले ही बताया गया था और दस्तावेज भी दिए गए थे। बताया कि वर्ष 2015-16 में जो यूनिवर्सिटी ने पॉलिसी ली थी, वह विशेष पॉलिसी थी। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी से जरूरी दस्तावेज और रिकॉर्ड मांगा गया, वह उसने नहीं दिए। कंपनी ने अपनी सर्विस में कोई कोताही नहीं बरती है। इसलिए यूनिवर्सिटी की क्लेम और मुआवजे की मांग की याचिका को खारिज किया जाए। 

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