मानवता की सेवा: नांदेड़ साहिब में चढ़ावे के 50 किलो सोने से बनेगा कोविड महामारी से लड़ने के लिए सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल

श्री हजूर साहिब प्रबंधन नांदेड़ साहिब में पिछले 50 वर्ष में जमा हुए 50 किलो सोने से कोरोनावायरस से लड़ने के लिए सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल बनवाएगा। अंतिम निर्णय के लिए कुछ ही दिनों में इसके लिए बोर्ड की बैठक बुलाई जाएगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 24 May 2021 09:26 AM (IST) Updated:Mon, 24 May 2021 11:26 AM (IST)
मानवता की सेवा: नांदेड़ साहिब में चढ़ावे के 50 किलो सोने से बनेगा कोविड महामारी से लड़ने के लिए सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल
तख्त श्री हजूर साहिब की तस्वीर। फोटो इंटरनेट मीडिया के साभार

जेएनएन, चंडीगढ़/मुंबई। सिख पंथ हमेशा ही मानवता की सेवा के लिए बढ़ चढ़ कर आगे आता रहा है। कोरोना काल में मरीजों के लिए बेड व आक्सीजन की व्यवस्था से लेकर खाने के लंगर लगाने में सिखों ने मिसाल पेश की है। अब महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित सिखों के पांचवें तख्त श्री हजूर साहिब में चढ़ावे के रूप में इकट्ठा हुआ 50 किलोग्राम सोना महामारी से लड़ने में अहम भूमिका निभाएगा।

श्री हजूर साहिब का प्रबंधन पिछले 50 वर्षो से जमा हुए चढ़ावे के सोने का इस्तेमाल कर यहां मेडिकल कॉलेज व सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Super Specialty Hospital) बनाने की तैयारी कर रहा है। श्री हजूर साहिब प्रबंधन के पास जत्थेदार ज्ञानी कुलवंत सिंह का यह प्रस्ताव पिछले एक वर्ष से भी ज्यादा समय से विचाराधीन है, लेकिन कोरोना के कारण बोर्ड की मीटिंग न होने से इस पर कोई फैसला नहीं हो पा रहा था। अब श्री हजूर साहिब गुरुद्वारे के बोर्ड ने सक्रियता दिखाई है।

बोर्ड जल्द ही बैठक बुलाकर इस पर अंतिम निर्णय लेगा। रविवार को दैनिक जागरण से बातचीत में बोर्ड के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मिन्हास ने बताया कि वह जल्द ही बोर्ड की बैठक बुलाकर यह प्रस्ताव बोर्ड के सामने रखेंगे। गौरतलब है कि तख्त श्री हजूर साहिब की ओर से मेडिकल कालेज व अस्पताल बनाने का प्रस्ताव जत्थेदार ज्ञानी कुलवंत सिंह ने रखा था।

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ज्ञानी कुलवंत सिंह पिछले वर्ष जब बीमार हुए तो उन्हें पहले औरंगाबाद और फिर मुंबई के नानावटी अस्पताल ले जाया गया था। वहां से ठीक होकर लौटने के बाद उन्हें नांदेड़ में एक अच्छे अस्पताल की कमी महसूस हुई। तब उन्होंने बोर्ड के सामने यह प्रस्ताव पेश किया था। उन्होंने कहा था कि इस काम के लिए तख्त में चढ़ावे के तौर पर पिछले 50 वर्षो में इकट्ठा हुआ 50 किलो सोना उपयोग किया जा सकता है। लोगों को नांदेड़ से इलाज कराने के लिए हैदराबाद व मुंबई जैसे बड़े शहर जाना पड़ता है। अगर नांदेड़ में अस्पताल बन जाता है तो बड़ी आबादी को लाभ होगा।

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बोर्ड के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मिन्हास ने कहा कि ज्ञानी कुलवंत सिंह का यह प्रस्ताव बोर्ड के पास विचाराधीन है। उम्मीद है कि नौ सदस्यीय बोर्ड इस पर जल्द सकारात्मक निर्णय करेगा। एक बार बोर्ड का निर्णय हो जाने के बाद अस्पताल के निर्माण में पैसे की कोई कमी नहीं आएगी, क्योंकि सिख समुदाय ऐसे किसी भी काम में खुलकर मदद करने के लिए जाना जाता है। इस कार्य के लिए तख्त श्री हजूर साहिब के पास रखे सोने का ही उपयोग किया जाए, यह आवश्यक नहीं है।

उनके अनुसार हजूर साहिब को नांदेड़ में अस्पताल के लिए जगह खरीदने की भी कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हजूर साहिब के पास अपनी अचल संपत्ति ही काफी है। औरंगाबाद में एक ट्रस्ट ने 200 एकड़ जमीन का प्रस्ताव दिया है, जबकि नांदेड़ साहिब में 90 एकड़ जमीन चिह्नित भी कर ली गई है। 25 से 30 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमानबोर्ड के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मिन्हास ने बताया कि जब से बोर्ड के फैसलों में राज्य सरकार की दखलअंदाजी बढ़ गई है, तब से हमें इस तरह के फैसले लेने में दिक्कत आ रही है।

उन्होंने बताया कि बोर्ड के पास जगह की कोई कमी नहीं है। हम पहले भी एक छोटा अस्पताल चला रहे हैं। इसके अलावा हम एक स्कूल भी बनाना चाहते हैं। मेडिकल कॉलेज व अस्पताल पर लगभग 25 से 30 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। तख्त साहिब के पास मौजूद कुल 50 किलो सोने की कीमत ही 25 करोड़ रुपये है। अन्य स्त्रोतों से जमा पूंजी को भी इस्तेमाल किए जाने की योजना है।

मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा अस्पताल

मिन्हास कहते हैं कि यदि नांदेड़ में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनता है, तो यह पूरे मराठवाड़ा के लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है। बता दें कि नांदेड़ राजनीतिक रूप से कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं शंकर राव चह्वाण एवं उनके पुत्र अशोक राव चह्वाण का गढ़ रहा है। ये दोनों ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

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