कोर्ट केस और पेनल्टी खर्च को असेसमेंट में दिखाया, अायकर विभाग ने 49 करोड़ किए रिकवर

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने असेसमेंट सर्वे के बाद चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ऑफिस से 49 करोड़ रुपये रिकवर कर लिए हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 26 Mar 2019 11:53 AM (IST) Updated:Tue, 26 Mar 2019 11:53 AM (IST)
कोर्ट केस और पेनल्टी खर्च को असेसमेंट में दिखाया, अायकर विभाग ने 49 करोड़ किए रिकवर
कोर्ट केस और पेनल्टी खर्च को असेसमेंट में दिखाया, अायकर विभाग ने 49 करोड़ किए रिकवर

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने असेसमेंट सर्वे के बाद चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ऑफिस से 49 करोड़ रुपये रिकवर कर लिए हैं। इस रिकवरी के बाद प्रशासनिक गलियारे में हलचल पैदा हो गई है। पहली बार चंडीगढ़ के किसी डिपार्टमेंट से इतनी मोटी रकम की रिकवरी हुई है। यह रिकवरी पाश्र्वनाथ डेवलपर्स के केस में की गई है। 31 मार्च को यह फाइनेंशियल ईयर समाप्त हो रहा है। इस वजह से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम ने बोर्ड ऑफिस में पहुंचकर बिना कोई ढील दिए तुरंत रिकवरी कर ली। हाउसिंग बोर्ड का पाश्र्वनाथ डेवलपर्स के साथ लंबे समय से मामला चल रहा था। इसके कोर्ट केस, पेनल्टी और अन्य खर्चों को बोर्ड ने वर्ष 2016-17 की असेसमेंट में क्लेम किया था।

चंडीगढ़ प्रशासन ने इन सभी खर्च को असेसमेंट में डालने के लिए कहा था। लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बोर्ड के इन खर्चों को असेसमेंट में सही नहीं ठहराया। प्रिंसिपल कैट के पास यह मामला चल रहा था। 20 मार्च को इस मामले में अपील की गई थी। लेकिन प्रिंसिपल कैट ने सीएचबी की अपील को खारिज कर दिया। साथ ही 22 मार्च को यह रकम जमा कराने के लिए नोटिस तक दिया था। लेकिन सीएचबी ने इस रकम को जमा नहीं कराया और मामलें में हाईकोर्ट अपील कर दी। बोर्ड ने हाईकोर्ट में स्टे करने के लिए आग्रह किया।

कोर्ट से सीएचबी को नहीं मिला था स्टे

हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई तो शुरू हो गई थी लेकिन कोर्ट से सीएचबी को स्टे नहीं मिला। जिसके बाद सोमवार शाम को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की स्पेशल टीम ने चंडीगढ़ हाउङ्क्षसग बोर्ड पहुंचकर 49.11 करोड़ रुपये की रिकवरी कर ली। साथ ही इस मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज भी टीम साथ में ले गई। एक घंटे से ज्यादा देर तक यह पूरी प्रक्रिया चली । 

बोर्ड ने पाश्र्वनाथ को बेची थी 123 एकड़ जमीन

चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने 2007 में आइटी पार्क स्थित 123 एकड़ जमीन पाश्र्वनाथ डेवलपर को बेची थी। लेकिन इस प्रोजेक्ट का मामला लंबे समय तक कोर्ट में चलता रहा। जिसके बाद बोर्ड को यह जमीन 2016 में पाश्र्वनाथ डेवलपर से वापस मिली थी। बोर्ड इस जमीन के लिए कंपनी को प्रशासन की तरफ से 572 करोड़ रुपये दे चुका है। पाश्र्वनाथ इस मामले में बोर्ड से ब्याज की मांग भी कर रहा था। मामले में कोर्ट केस चल रहे थे। इन्हीं को लडऩे के लिए और पेनल्टी की रकम को बोर्ड ने असेसमेंट में अपने खर्चों में दिखाया था, जिसकी रिकवरी आइटी डिपार्टमेंट ने की है।

सीएचबी 13 साइट में बांट बेचने की फिराक में था

यह जमीन पाश्र्वनाथ को बोर्ड ने साल 2007 में 1221 करोड़ रुपये में बेची थी। अब इस जमीन को सीएचबी 13 अलग साइट में बांटकर बेचने की कोशिश कर रहा है। लेकिन कई बार बिड के बाद भी सिर्फ एक पेट्रोल पंप की साइट बिक सकी। वहीं एक साइट पर बोर्ड खुद हाउसिंग बोर्ड शुरू करने की तैयारी में है।

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