हाईकोर्ट ने थपथपाई पीठ, कहा- अच्छा लगा सभी सरकारी एजेंसियां मिलकर कर रही काम

हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सभी के मिलकर काम करने पर खुशी जताई। कहा कि उम्मीद है कि आगे भी ऐसे ही काम करते रहेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 26 Apr 2020 12:40 PM (IST) Updated:Sun, 26 Apr 2020 12:40 PM (IST)
हाईकोर्ट ने थपथपाई पीठ, कहा- अच्छा लगा सभी सरकारी एजेंसियां मिलकर कर रही काम
हाईकोर्ट ने थपथपाई पीठ, कहा- अच्छा लगा सभी सरकारी एजेंसियां मिलकर कर रही काम

जेएनएन, चंडीगढ़।Coronavirus COVID-19 के बढ़ते संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए जारी निर्देशों को लागू करने के मामले में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ सहित पंजाब और हरियाणा सरकार और सभी सरकारी एजेंसियों की पीठ थपथपाई। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे हालत में सभी मिलकर एकजुट होकर काम कर रहे हैं। इसे देखकर अच्छा लग रहा है। उम्मीद है कि आगे भी सभी मिलकर इस महामारी के खिलाफ ऐसे ही काम करते रहेंगे।

चीफ जस्टिस रवि शंकर झा एवं जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने यह टिप्पणी एडवोकेट कमलदीप सेहरा द्वारा दायर एक जनहित याचिका का निपटारा करते हुए की है। एडवोकेट कमलदीप ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि कोरोना के कहर के चलते देशभर सहित पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाया गया है। इस दौरान लोगों को दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं की कमी न हो, इसके लिए असेंशियल सर्विस (जरूरी सेवा) जैसे दूध, फल, सब्जी बेचने वालों और समाज सेवी संस्थाओं को कर्फ्यू पास दिए गए हैं। लेकिन यह कर्फ्यू पास बिना मेडिकल जांच के ही दे दिए गए हैं जो बेहद ही घातक साबित हो सकता है।

दायर याचिका में बताया गया था कि असेंशियल सर्विस देने वालों और समाज सेवी संस्थाओं के लोग रूरतमंद लोगों को राशन बांट रहे हैं। उनका पहले मेडिकल चेक-अप करवाकर ही कर्फ्यू पास दिए जाएं। क्योंकि हाल में यह सामने आया है कि ऐसे लोगों से सामान लेने वाले कई अन्य लोग संक्रमण के शिकार हो गए। लिहाजा कर्फ्यू पास जारी किए जाने से पहले उन लोगों की स्क्रीनिंग या मेडिकल जांच करवाई जाए, जिन्हें कर्फ्यू पास दिए गए हैं।

याचिका पर केंद्र सरकार सहित पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ ने बताया कि वह कोरोना की रोकथाम के लिए जारी सभी दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं। जिन फल-सब्जी विक्रेता और अन्य लोगों को कर्फ्यू पास दिए गए हैं, उनकी स्क्रीनिंग की जा रही है। सभी सरकारें एक-दूसरे से इस मामले में पूरा सहयोग कर रही हैं। याचिकाकर्ता को आगे भी लगे कि कुछ निर्देशों के पालन में कमी रह गई तो वह उन्हें सूचित कर सकता है।

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