Corona virus effect: पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, जेलों से अस्थायी रूप से रिहा होंगेे 6000 कैदी

Corona virus effect पंजाब सरकार में राज्य की सभी जेलों में बंद कुल 6000 कैदियों को अस्थायी रिहाई करने का फैसला किया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 26 Mar 2020 09:12 PM (IST) Updated:Thu, 26 Mar 2020 09:12 PM (IST)
Corona virus effect: पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, जेलों से अस्थायी रूप से रिहा होंगेे 6000 कैदी
Corona virus effect: पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, जेलों से अस्थायी रूप से रिहा होंगेे 6000 कैदी

जेएनएन, चंडीगढ़। Coronavirus के बढ़ते प्रभाव के चलते पंजाब की जेलों में कैदियों की संख्या कम करने के लिए पंजाब सरकार में राज्य की सभी जेलों में बंद कुल 6000 कैदियों को अस्थायी रिहाई करने का फैसला किया है। राज्य के जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में कैदियों की संख्या घटाने के लिए पंजाब लीगल सर्विस अथॉरिटी के चेयरमैन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था, जिसमें जेल विभाग के प्रधान सचिव और एडीजीपी प्रिजन भी सदस्य थे।

इस समिति द्वारा कैदियों को छोड़ने की प्रक्रिया तय किए जाने के चलते जेलों में बंद कैदियों को 6 सप्ताह के लिए पैरोल और अंडरट्रायल कैदियोंं को 6 सप्ताह की अंतरिम जमानत देने का फैसला किया गया है। रंधावा ने बताया कि पंजाब की 24 जेलों में इस समय लगभग 24000 कैदी बंद हैं, जबकि इन जेलों में 23488 कैदी रखे जाने की क्षमता है। रंधवा ने कहा कि जेलों में कैदियों की कोरोना से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन कैदियों की रिहाई के प्रयास किए जा रहे हैंं, पर इस विशेष कदम से समाज की सुरक्षा और शांति व्यवस्था को भी ध्यान में रखा गया है। 

जेल मंत्री ने कहा कि समिति की सिफारिश के आधार पर पहले से ही पैरोल पर गए हुए सभी कैदियों की पैरोल को 6 सप्ताह के लिए बढ़ाया जा रहा है। जेलों में बंद 7 साल से कम की सजा वाले कैदियों को भी पैैरोल के लिए विचार किया जाएगा। अगर उनके खिलाफ दो अन्य मामले विचारधीन होंं, जिनमें उन्हें जमानत मिल चुकी हो और वह पैैरोल पर जाकर समय से वापस आ चुके होंं।

मंत्री ने बताया कि कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया को तेज करने के लिए पहली बार जेल अधीक्षकों को उनकी पैरोल के केस आगे बढ़ाने की शक्ति दी गई है। सात या उससे कम साल सजा वाले दो या कम मामलों में नामजद अंडर ट्रायल कैदियों को भी जेल विभाग 6 सप्ताह की अंतरिम जमानत देने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा धारा 498a, 420, 406, 324, 325, 379 एक्साइज एक्ट और सीआरपीसी की धारा 107/151 के तहत जेल में बंद कैदियों को भी जमानत देने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे कैदियों को जमानत देने के लिए जेल परिसर में कैंप अदालतें लगाई जाएंगी।

समिति ने डायबिटीज, एचआइवी, गर्भवती महिलाओं और 65 वर्ष से अधिक आयु वाले कैदियों को रिहाई देने के लिए नियमों में ढील देने की सिफारिश की है। पर पोक्सो एक्ट, धरा 376, 379 बी, एसिड अटैक, एक्सप्लोसिव एक्ट और विदेशियों को पैरोल नहीं दी जाएगी।

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