सीवरेज बोर्ड और त्रिवेणी के विवाद का लोगों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा

प्राइवेट लिमिटेड के बीच में पेमेंट को लेकर चल रहा विवाद खत्म होने की बजाय और बढ़ता जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 03:55 PM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 05:07 AM (IST)
सीवरेज बोर्ड और त्रिवेणी के विवाद का लोगों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा
सीवरेज बोर्ड और त्रिवेणी के विवाद का लोगों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा

सुभाष चंद्र, बठिडा : नगर निगम की फंडिग एजेंसी सीवरेज बोर्ड और महानगर के सीवर और पानी की मेंटीनेंस का काम देख रही त्रिवेणी इंजीनियरिग एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के बीच में पेमेंट को लेकर चल रहा विवाद खत्म होने की बजाय और बढ़ता जा रहा है। लेकिन इस विवाद का खामियाजा शहर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सीवर की कोई भी समस्या जिसका समाधान 24 घंटों के अंदर हो जाना चाहिए, उसे दुरुस्त होने में कम से कम 20 दिन लग रहे हैं। लेकिन लोगों की इन तकलीफों की न तो नगर निगम के अधिकारियों को कोई परवाह है और न ही सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों को। महानगर के सबसे पॉश इलाके सिविल लाइन में सीवर के ओवर फ्लो की चल रही समस्या को दुरुस्त होने में 20 दिन लग गए। जबकि इस समस्या का समाधान दो तीन दिन में हो जाना चाहिए था। लोगों के घरों में बैक मारने लगा था सीवर हुआ यह था कि करीब बीस दिन पहले सिविल लाइन इलाके के लोगों के घरों में सीवर बैक मारने लगा था। सिविल लाइन क्लब के पास सहित कई गलियों में सीवर ओवरफ्लो होकर सड़कों पर पानी भरने लगा था। इलाके के लोगों ने जब इसकी शिकायत दर्ज करवाई तो कई दिनों के बाद पता चला कि एक तो क्लब के पास सीवर लाइन ब्रेक हो गई है, दूसरा करीब डेढ सौ मीटर सीवर लाइन की डीसिल्टिंग करने वाली है। त्रिवेणी कंपनी ने ब्रेक हुई लाइन को ठीक करने के लिए खुदाई का काम शुरू कर दिया। सवाल पैदा हुआ कि अब डेढ़ मीटर लाइन की सुपर सक्कर मशीन के साथ डीसिल्टिग कौन करे। डीसिल्टिंग की पेमेंट न देने के कारण बंद कर रखा काम

त्रिवेणी कंपनी ने सुपर सक्कर मशीन के साथ शहर की मेन लाइनों डीसिल्टिंग का काम पूरी तरह से बंद कर रखा है। जबकि केवल ब्रांच लाइनों का काम ही किया जा रहा है। कंपनी के डीजीएम का कहना है कि त्रिवेणी की ओर से वर्ष 2019 के अगस्त माह में शहर की सीवरेज लाइनों की डीसिल्टिग का काम किया था। लेकिन इसके बावजूद सीवरेज बोर्ड की ओर से उनके अगस्त माह के बिल में आठ लाख रूपये की डीडक्शन कर ली गई। कंपनी की ओर से इस कटौती का कड़ा विरोध किया गया और इसकी अदायगी करने की मांग की गई। लेकिन सीवरेज बोर्ड ने आज तक उसकी अदायगी नहीं की है। जबकि इस संबंध में कई बार पत्राचार किया जा चुका है। जिसके कारण कंपनी को सुपर सक्कर से मेन लाइनों की डीसिल्टिंग का काम करना बंद करना पड़ा। सीवरेज बोर्ड ने कटौती की अदायगी तो क्या करनी थी, बाद के बिलों में भी लगातार डीडक्शन जारी रखी हुई है। सीवरेज बोर्ड और त्रिवेणी के इसी विवाद के बीच सिविल लाइन की छोटी सी समस्या को ठीक करने में करीब 20 दिन लग गए। आखिरकार विभाग के डीसिल्टिंग करने पर हल हुई समस्या

आखिरकार बीते शुक्रवार की शाम को सीवरेज बोर्ड की ओर से खुद अपनी सुपर सक्कर मशीन के साथ सिविल लाइन एरिया की सीवरेज लाइन की डीसिल्टिग की गई। जिसके बाद ही इलाके की समस्या का हल हो पाई है। जबकि ब्रेक हुई लाइन की रिपेयर का काम त्रिवेणी कंपनी की ओर से अभी किया जा रहा है। सीवरेज बोर्ड के जूनियर इंजीनियर रेशम सिंह ने कहा कि सीवरेज लाइन की डिल्सिटिग विभाग की ओर से की गई है।

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