श्री रामतीर्थ मेले का आगाज, कल होगी पवित्र सरोवर की पूजा
पावन श्री रामतीर्थ में शुक्रवार को श्री रामतीर्थ मेले का शुभारंभ हो गया है।
कमल कोहली, अमृतसर
भगवान वाल्मीकि तीर्थ जी की तपोभूमि, माता सीता की शरण स्थली, लवकुश की जन्म स्थली व भगवान श्री राम की चरण स्पर्श धरती पावन श्री रामतीर्थ में शुक्रवार को श्री रामतीर्थ मेले का शुभारंभ हो गया है। चाहे पहले दिन भक्तों की संख्या नाममात्र ही रहीं पर 29 व 30 नवंबर को तीर्थ परिसर में हजारों की संख्या में भक्तजन पावन तीर्थ में नतमस्तक होने के लिए आएंगे। तीस नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा में काफी संख्या में भक्तजन पवित्र सरोवर में स्नान करने के लिए आएंगे। आने वाले दिनों में भक्तों की भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए प्रशासन द्वारा तीर्थ परिसर में सभी प्रबंध पूरे कर दिए है।
भगवान वाल्मीकि श्री धूना साहिब ट्रस्ट के चेयरमैन ओम प्रकाश गब्बर व महंत मलकीत नाथ ने बताया कि 29 नवंबर को तीर्थ परिसर में सुबह दस बजे पवित्र सरोवर की पूजा की जाएगी तथा मानवता के कल्याण के लिए हवन यज्ञ करवाया जाएगा। इसके बाद पूरी धार्मिक पंरपरा के अनुसार मछली को नत्थ डालने की रस्म अदा की जाएगी। रात को तीर्थ परिसर में सत्संग करवाया जाएगा, जिसमें काफी संख्या में भक्त शामिल होंगे।
मंदिर लवकुश पाठशाला के महंत मंजीत गिरि ने बताया कि सरकारी तौर पर शुक्रवार को तीर्थ परिसर में मेला शुरू हो गया है, पर अभी भक्तों का आना शुरू नहीं हुआ है। 29 नवंबर से तीर्थ परिसर में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। तीस नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने की विशेष महत्ता है। इस दिन सुबह से भक्तों की भीड़ स्नान करने के लिए उमड़नी शुरू हो जाती है। तीर्थ परिसर में हुआ संत सम्मेलन
श्री रामतीर्थ मेले के उपलक्ष्य में पंडित नानक चंद वृद्ध आश्रम में संत सम्मेलन का आगाज हो गया। परम पूज्य संत आरती देवा जी के सान्निध्य में शुरू हुए संत सम्मेलन में पहुंचे महापुरुषों ने भक्तों को प्रभु सिमरन के साथ जुड़ने का संदेश दिया। संत आरती देवा जी ने कहा कि प्रभु नाम के साथ ही जीव का कल्याण है। हमें हमेशा ऐसे करम करने चाहिए जोकि आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने। इस मौके स्वामी सुमित शास्त्री, स्वरूपानंद, महंत शक्ति नाथ, स्वामी कृष्णानंद, महाराज साध्वी कृष्ण प्रिया मौजूद थे। श्रद्धालु मेले के दौरान बनाते हैं ईंटों का घर
श्री रामतीर्थ मेले के दौरान भक्त तीर्थ परिसर में ईंटों का घर बना कर उसमें मोमबत्ती लगा कर अपने घर बनाने की मनोकामना करते हैं। वही जिन महिलाओं को घर औलाद नहीं होती, वे माता सीता बाऊली में स्नान करके औलाद की मनोकामना करती हैं। इसके अलावा भक्त गुल्ली डंडा व अन्य पूजा सामग्री चढ़ाने की रस्म को भी निभाते हैं। प्रशासन ने किए सभी प्रबंध
मेला अधिकारी व एसडीएम अजनाला दीपक भाटिया ने बताया कि मेले के दौरान प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी प्रबंध किए गए है। कोविड-19 के बचाव के लिए श्रद्धालुओं को जागरूक किया जाएगा। डाक्टरों की टीम भी तीर्थ परिसर में तैनात की गई है।