मरीजों की सुनें सरकार, फतेह किट के बगैर कोरोना से कैसे जंग जीतेंगे मरीज

कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही पंजाब सरकार अब शिथिल पड़ने लगी है। जिले में फतेह किट्स खत्म होने की कगार पर है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 07:00 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 07:00 AM (IST)
मरीजों की सुनें सरकार, फतेह किट के बगैर कोरोना से कैसे जंग जीतेंगे मरीज
मरीजों की सुनें सरकार, फतेह किट के बगैर कोरोना से कैसे जंग जीतेंगे मरीज

नितिन धीमान, अमृतसर

कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही पंजाब सरकार अब शिथिल पड़ने लगी है। जिले में फतेह किट्स खत्म होने की कगार पर है। अब महज 150 ही शेष हैं। ये किट्स भी किसी अति विशिष्ट व्यक्ति की सिफारिश पर मरीज को दी जाएंगी।

कोरेाना के खिलाफ जंग तेज करने के लिए पंजाब सरकार ने सितंबर 2020 में फतेह किट लांच की थी। तब अमृतसर में तकरीबन सात हजार किट्स भेजी गई थीं। सितंबर 2020 के बाद अब तक बारह हजार से अधिक संक्रमित रिपोर्ट हो चुके हैं। संक्रमितों के अनुपात में महज 7000 किट्स ही अमृतसर को मिलीं। इससे साफ है कि पांच हजार लोग किट्स से वंचित रहे। 7 से 14 अप्रैल तक सात दिनों में 1842 नए संक्रमित रिपोर्ट हुए हैं। इनमें से किसी को भी फतेह किटस नहीं भेजी गईं। संक्रमित मरीज स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फोन कर किट की मांग कर रहे हैं, पर उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिल रहा।

अफसोसनाक पक्ष है कि पंजाब सरकार लोगों को कोरोना से सुरक्षा संबंधी प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करवा रही है, कोरोना नियमों का पालन न करने व मास्क न पहनने वाले लोगों के चालान काटकर सात लाख रुपये एकत्रित किए जा चुके हैं, पर मरीजों को फतेह किट उपलब्ध नहीं करवाई जा रही। यह है नियम

आरटीपीसीआर टेस्ट में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने पर मरीज को तत्काल होम आइसोलेट किया जाता है। 24 घंटे के भीतर ही उसके घर तक फतह किट पहुंचानी लाजमी है। इस किट में पल्स आक्सीमीटर, डिजीटल थर्मामीटर, जरूरी दवाएं और काढ़े के अलावा कोरोना संबंधी शिक्षा सामग्री व दवाओं के प्रयोग के बारे में दिशा-निर्देश शामिल हैं। संक्रमित हुए हर मरीज को यह किट्स उसके घर तक पहुंचाने के लिए पंजाब सरकार ने स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी तय की है। ये हैं वो मरीज जिनको किट नहीं मिली

केस 1 : 23 वर्षीय मरीज 10 अप्रैल को पाजिटिव पाई गई। उसे भी किट नहीं मिली। मरीज के अनुसार उसे किसी ने किट के बारे में बताया तक नहीं।

कोस 2 : बटाला रोड निवासी मरीज के अनुसार पाजिटिव रिपोर्ट आने के बाद मुझे स्वास्थ्य विभाग ने फोन कर होम आइसोलेट होने को कहा। उन्होंनवे उनसे फतेह किट की मांग की तो बोले जल्दी भेज देंगे। दो तीन बार फोन कर चुकी हैं, पर किट नहीं दी गई।

केस 3 : गोपाल नगर निवासी मरीज की पाजिटिव रिपोर्ट 12 अप्रैल को आई थी। तीन दिन बीतने पर भी उन्हें किट नहीं मिली। अपने स्तर पर थर्मामीटर व पल्स आक्सीमीटर खरीदेंगे : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह का कहना है कि किट्स की किल्लत तो है। आज ही वेरका स्थित ड्रग स्टोर में एक डाक्टर को भेजा है। वहां कुछ किट्स आई हैं। उम्मीद है कि कुछ किट्स आज मिल जाएंगी। किट आने के बाद सबसे पहले उन मरीजों को दी जाएगी जो पिछले एक सप्ताह में संक्रमित रिपोर्ट हुए थे। एक परिवार में दो से चार लोग भी संक्रमित रिपोर्ट हो रहे हैं। इन्हें एक ही किट्स देने पर विचार किया जा रहा है। वैसे हम यह प्रयास भी कर रहे हैं कि अपने स्तर पर थर्मामीटर व पल्स आक्सीमीटर खरीद कर मरीजों तक पहुंचाएं। कुछ किट्स नगर निगम को भी दी गई है। शहरी आबादी में किट्स वितरण का जिम्मा नगर निगम का है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग का।

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