चीफ खालसा दीवान के पतित वोटर बन सकते हैं मुसीबत

अमृतसर चीफ खालसा दीवान के दो दिसंबर को होने वाले जनरल चुनाव में इस बार पतित वोटर बड़ा मुद्दा न बन जाएं इस को लेकर चुनाव रिटर्निग अधिकारी गंभीर हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Nov 2018 12:50 AM (IST) Updated:Tue, 06 Nov 2018 12:50 AM (IST)
चीफ खालसा दीवान के पतित वोटर बन सकते हैं मुसीबत
चीफ खालसा दीवान के पतित वोटर बन सकते हैं मुसीबत

जागरण संवाददाता, अमृतसर

चीफ खालसा दीवान के दो दिसंबर को होने वाले जनरल चुनाव में इस बार पतित वोटर बड़ा मुद्दा न बन जाएं इस को लेकर चुनाव रिटर्निग अधिकारी गंभीर हैं। चीफ खालसा दीवान के आनरेरी सचिव एनएस खुराना की ओर से 1 नवंबर को चुनाव अधिकारियों को दीवान के सभी सदस्यों की सूची सौंप दी थी। जब चुनाव अधिकारियों ने सूची की पड़ताल की तो पाया गया कि इस में पतित वोटर काफी है। दीवान के पदाधिकारियों ने सूची को संशोधित किए बिना ही चुनाव अधिकारियों को सौंपा दिया। चुनाव अधिकारियों ने इस सूची को दोबारा आनरेरी सचिव को भेजते हुए कहा कि इस सूची में पतितों की पहचान करके इसे संशोधित करके भेजा जाए।

उल्लेखनीय है कि जब दीवान के अध्यक्ष व आनरेरी वित्त सचिव और उपाध्यक्ष के चुनाव हुए थे तो उस वक्त पतित सदस्यों की ओर से वोट डालने का मामला काफी गर्मा गया था। परंतु बाद में अलग अलग बैठकों के माध्यम से इस मामले को सुलझा लिया गया। परंतु अब दोबारा दीवान के पदाधिकारियों ने इस सूची को संशोधित किए बिना ही चुनाव अधिकारियों को सौंपा है।

उधर चुनाव रिर्ट¨नग अधिकारी प्रो बल¨जदर ¨सह ने बताया कि वोटर सूची की जाब जांच की गई तो उसमें कई पतित वोटर भी शामिल थे। जिस को मुख्य रख आनरेरी सचिव को दीवान के संविधान में अंकित दीवान के मैंबर बनने के नियमों को सूची के साथ भेजते हुए कहा कि नियमों के अनुसार वोटर मैंबर पतित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब इस पतित सदस्यों को समझाने के लिए मार्च 2018 से लेकर आज नवंबर माह तक काफी वक्त मिल चुका है। इस लिए अब किसी भी पतित और गैर अमृतधारी सदस्य को दीवान के चुनावों में वोट डालने का अधिकार नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि दीवान के अंदर भविष्य में कोई विवाद खड़ा न हो इस को मुख्य रखते हुए संविधान के अनुसार ही सारे कार्य किए जा रहे हैं।

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