PMGSY के तीसरे चरण की मंजूरी, अस्सी हजार करोड़ की लागत से बनेंगी सवा लाख किमी ग्रामीण सड़कें

ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि इन सड़कों के बनाए जाने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा जिससे क्षेत्र का विकास करने में मदद मिलेगी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Wed, 10 Jul 2019 10:21 PM (IST) Updated:Wed, 10 Jul 2019 10:21 PM (IST)
PMGSY के तीसरे चरण की मंजूरी, अस्सी हजार करोड़ की लागत से बनेंगी सवा लाख किमी ग्रामीण सड़कें
PMGSY के तीसरे चरण की मंजूरी, अस्सी हजार करोड़ की लागत से बनेंगी सवा लाख किमी ग्रामीण सड़कें

नई दिल्ली, जेएनएन। गांव-गांव पक्की सड़क वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण को सरकार ने बुधवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इस मसौदे हरी झंडी दे दी। इसके तहत कुल 1.25 लाख किमी लंबाई की सड़कें बनाई जाएंगी, जिस पर कुल 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी।

कैबिनेट के फैसले की जानकारी देने आए केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायतीराज और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि PMGSY के पहले चरण में 97 फीसद छोटे बड़े सभी गांव पक्की सड़कों से जुड़ गए हैं। योजना के तहत 1.66 लाख गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ा जा चुका है। योजना को विस्तार देते हुए इसमें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को भी शामिल कर लिया गया। योजना के विभिन्न घटकों के तहत कुल छह लाख किमी से अधिक सड़कों का निर्माण किया जा चुका है।

तोमर ने बताया कि तीसरे चरण में उन ग्रामीण सड़कों का उन्नयन किया जाएगा, जिनका उपयोग गांवों के लोग ग्रामीण बाजारों, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों और अस्पतालों के लिए करते हैं। ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि इन सड़कों के बनाए जाने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, जिससे क्षेत्र का विकास करने में मदद मिलेगी। सवा लाख किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण 3024-25 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

बता दें कि PMGSY की सड़कों का निर्माण करने वाली एजेंसी को पांच साल तक उस सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी होती है। योजना की सड़कों के लिए राज्यों को केंद्र के साथ एक समझौता करना होगा। इन सड़कों के किनारे पौधारोपण करना होगा, जिसमें मनरेगा और अन्य योजनाओं की धनराशि का उपयोग किया जाएगा। सड़कों के निर्माण में प्लास्टिक कचरे का भी उपयोग किया जाएगा। तोमर ने बताया कि कृषि बाजारों व मंडियों से ग्रामीण सड़कों को जोड़ने के लिए उन राज्यों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां मंडी कानून में संशोधन किया गया होगा।

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