सरकारी विज्ञापनों के दुरुपयोग मामले में सुप्रीम कोर्ट का राज्यों को नोटिस

याचिका में आरोप लगाया है कि भाजपा शासित राज्य विज्ञापनों में राजनीतिक उद्देश्य के तहत व्यक्ति विशेष को बढावा देकर जनता के पैसों की बर्बादी की जा रही है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Fri, 31 Aug 2018 12:17 PM (IST) Updated:Fri, 31 Aug 2018 12:17 PM (IST)
सरकारी विज्ञापनों के दुरुपयोग मामले में सुप्रीम कोर्ट का राज्यों को नोटिस
सरकारी विज्ञापनों के दुरुपयोग मामले में सुप्रीम कोर्ट का राज्यों को नोटिस

नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों के दुरुपयोग मामले में राज्यों को नोटिस जारी करके चार हफ्तों में जवाब मांगा है। भाजपा शासित राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और तेलंगाना पर सरकारी विज्ञापनों के जरिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उल्लंघन का आरोप है। मामले में आप नेता संजीव झा ने याचिका दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट सुनवाई को राजी हो गया है। याचिका में आरोप लगाया है कि भाजपा शासित राज्य विज्ञापनों में राजनीतिक उद्देश्य के तहत व्यक्ति विशेष को बढावा देकर जनता के पैसों की बर्बादी की जा रही है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च 2016 को एक फैसला सुनाया था। जिसके तहत सरकारी विज्ञापनों में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश और राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और कैबिनेट मंत्रियों की तस्वीरों के अलावा किसी दूसरे व्यक्ति की तस्वीर छापने पर रोक लगाई गई थी। कोर्ट ने यह फैसला उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और असम की सरकारों की पुनर्विचार याचिका पर दिया था।

जिसमें सरकारी विज्ञापनों में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रियों की तस्वीर के इस्तेमाल की इजाजत की मांगी गयी थी। इससे पहले वर्ष 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सरकारी विज्ञापनों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी और की तस्वीर इस्तेमाल नहीं की जा सकती। 

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