MP political situation: शिवराज सिंह ने दी अधिकारियों को चेतावनी, एक-एक का हिसाब लिया जाएगा

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार को पता है कि इनके पास अब बहुमत नहीं है परन्तु लगातार संवैधानिक पदों पर नियुक्ति की जा रही हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Tue, 17 Mar 2020 08:17 PM (IST) Updated:Wed, 18 Mar 2020 12:14 AM (IST)
MP political situation: शिवराज सिंह ने दी अधिकारियों को चेतावनी, एक-एक का हिसाब लिया जाएगा
MP political situation: शिवराज सिंह ने दी अधिकारियों को चेतावनी, एक-एक का हिसाब लिया जाएगा

भोपाल, एएनआई। मध्य प्रदेश में जारी उठापटक के बीच पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार को पता है कि इनके पास अब बहुमत नहीं है परन्तु लगातार संवैधानिक पदों पर नियुक्ति की जा रही हैं। कुछ अधिकारी इनके कहने पर काम कर रहे हैं,मैं आज उनको चेतावनी देना चाहता हूं एक-एक की सूची बना रहा हूं, उनसे निपटा जाएगा, एक-एक का हिसाब किया जाएगा।

#WATCH SS Chouhan, BJP on #MadhyaPradesh political situation: ...Kuch adhikari inke kehne pe kaam kar rahe hain. Main un adhikarion ko chetavani dena chahta hoon. Mere paas turant khabar aati hai. Ek-ek ki soochi bana raha hoon. Jo galat kaam kar rahe hain usko hum chhodenge nahi pic.twitter.com/xvAsWt1B75 — ANI (@ANI) March 17, 2020

बता दें कि इससे पहले शिवराज सिंह ने  राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह इस अल्पमत की सरकार की ओर से पिछले 3 दिनों में लिए गए फैसलों पर रोक लगाएं। पत्र मे कहा गया है कि मध्य प्रदेया की मौजूदा सरकार अल्पमत में है। यह सरकार राज्यपाल के कहने पर भी बहानेबाजी कर बहुमत परीक्षण से बच रही है।

उन्होंने आरोप लगाया गया है कि अल्पमत की सरकार ऐसी नियुक्तियां करती जा रही है जो संवैधानिक प्रकृति की है, जिनका कार्यकाल निश्चित होता है। उदाहरण के तौर पर मौजूदा सरकार ने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, युवा आयोग के अध्यक्ष, लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष जैसे पदों पर नियुक्तियां की हैं।

भाजपा ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 163 और 166 के तहत राज्यपाल में निहित होता है। ऐसे में राज्यपाल मौजूदा कमलनाथ सरकार को आदेश दे कि वह इन अधिकारों का दुरुपयोग ना करें। क्योंकि यह सरकार फिलहाल अल्पमत में है। भाजपा ने पिछले तीन दिनों के दौरान कमलनाथ सरकार की ओर से की गई ट्रांसफर-पोस्टिंग के फैसलों को निरस्त करने की मांग की है।

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