विदेश मामलों पर एस जयशंकर ने विभिन्न दलों के सांसदों के साथ की चर्चा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी हुए शामिल

विदेश मंत्रालय संसद के दोनों सदस्यों के विभिन्न दलों के सदस्यों को मिलाकर सलाहकार समितियां गठित करता है और बैठकों का आयोजन करता है। ये समितियां कई मंत्रालयों से जुड़ी हुई होती हैं। मंत्री या राज्य मंत्री अपने मंत्रालय की सलाहकार समितियों के चेयरमैन होते हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 10:43 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 10:47 PM (IST)
विदेश मामलों पर एस जयशंकर ने विभिन्न दलों के सांसदों के साथ की चर्चा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी हुए शामिल
विदेश मंत्री एस जयशंकर और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की फाइल फोटो

नई दिल्ली, प्रेट्र। विदेश मंत्री एस जयशंकर ( S. Jaishanakr) ने शनिवार को विदेश मामलों पर संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में विभिन्न दलों के सांसदों के साथ विस्तृत चर्चा की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि सरकार के साथ इस तरह की और अधिक बातचीत की जरूरत है।

विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने विदेश मंत्रालय पर बैठक में विस्तृत प्रस्तुति दी। बैठक में थरूर के साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी भी मौजूद थीं।

बाद में बैठक की फोटो के साथ शशि थरूर ने ट्वीट किया, 'विदेश मामलों पर संसदीय सलाहकार समिति की साढ़े तीन घंटे की बैठक 11:30 बजे शुरू हुई और अभी खत्म हुई। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और दर्जन भर सांसदों के बीच एक विस्तृत, उत्साहजनक और स्पष्ट चर्चा हुई। हमें सरकार के साथ इस तरह की और बातचीत की आवश्यकता है।'

विदेश मामलों पर सलाहकार समिति की पहली बैठक में शामिल हुईं प्रियंक चतुर्वेदी

प्रियंका चतुर्वेदी ने भी ट्वीट कर कहा, 'एक सदस्य के रूप में विदेश मामलों पर सलाहकार समिति की पहली बैठक में शामिल हुई। सारगर्भित बातचीत हुई, जहां समिति के चेयरमैन विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर जी ने हम सभी को ध्यान से सुना और एक-एक सवालों का जवाब दिया। इसके अलावा विदेश मामलों पर हर्ष श्रृंगलाजी की विस्तृत प्रस्तुति मददगार थी।'

सरकार और सांसदों के बीच औपचारिक बातचीत के लिए है यह प्रमुख मंच 

विदेश मंत्रालय संसद के दोनों सदस्यों के विभिन्न दलों के सदस्यों को मिलाकर सलाहकार समितियां गठित करता है और बैठकों का आयोजन करता है। ये समितियां कई मंत्रालयों से जुड़ी हुई होती हैं। मंत्री या राज्य मंत्री अपने मंत्रालय की सलाहकार समितियों के चेयरमैन होते हैं। इन समितियों के गठन का मुख्य मकसद नीतियों, कार्यक्रमों और अन्य मुद्दों पर सरकार और सांसदों के बीच औपचारिक बातचीत के लिए मंच मुहैया कराना है।

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