सावरकर पर सीधे सवाल उठाने से अब बचेंगे राहुल गांधी, संजय राउत ने राहुल गांधी से की मुलाकात

विपक्षी एकता में दरार के जोखिम को देखते हुए क्षेत्रीय दलों से जुड़े भावनात्मक मुद्दों को उछालने से परहेज करेगी कांग्रेस-शिवसेना। उद्धव की नाराजगी खत्म संजय राउत ने राहुल गांधी से की मुलाकात कांग्रेस ने कहा अब 18 से बढ़कर 19 हुई विपक्षी खेमे में आने वाले दलों की संख्या।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Tue, 28 Mar 2023 08:39 PM (IST) Updated:Tue, 28 Mar 2023 08:39 PM (IST)
सावरकर पर सीधे सवाल उठाने से अब बचेंगे राहुल गांधी, संजय राउत ने राहुल गांधी से की मुलाकात
राहुल ने कहा था कि वे गांधी हैं सावरकर नहीं और गांधी माफी नहीं मांगते।

संजय मिश्र, नई दिल्ली। विपक्षी एकता को बनाए रखने की जरूरत के मद्देनजर कांग्रेस नेता राहुल गांधी वीर सावरकर के खिलाफ सीधा हमला करने से बचेंगे। भाजपा सरकार के विपक्षी दलों पर बढ़ते राजनीतिक प्रहार को देखते हुए कांग्रेस बदले हालात में शिवसेना उद्धव गुट को नाराज करने का जोखिम नहीं लेना चाहती।

भावनात्मक जुड़ाव के मुद्दों को उछालने से विपक्षी नेता करेंगे परहेज

विपक्षी नेताओं की मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर सोमवार रात हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि विपक्ष की पार्टियां एक दूसरे के भावनात्मक जुड़ाव के मुद्दों को उछालने से परहेज करेंगी।

कांग्रेस के इस पर राजी होने के बाद ही मंगलवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और पार्टी ने तत्काल विपक्षी खेमे में 18 की जगह 19 पार्टियों के गोलबंद होने का ऐलान किया।

लोकसभा की सदस्यता खत्म किए जाने के अगले दिन राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में सावरकर के अंग्रेजों से माफी मांगने के मुद्दे को एक बार फिर छेड़ते हुए मानहानि मामले में माफी मांगने से इन्कार कर दिया था।

राहुल ने कहा था कि वे गांधी हैं सावरकर नहीं और गांधी माफी नहीं मांगते। शिवसेना उद्धव गुट इससे काफी नाराज हुआ और उद्धव ठाकरे ने तो यहां तक कह दिया कि सावरकर का अपमान कांग्रेस ने जारी रखा तो वे विपक्षी खेमे से हटने का भी फैसला कर सकते हैं।

राहुल को सावरकर पर हमलावर होने से बचने का सुझाव

राहुल के इस बयान पर अपनी नाराजगी जताने के लिए ही शिवसेना ने मल्लिकार्जुन खरगे की सोमवार को बुलाई गई 18 दलों के नेताओं की रात्रि भोज बैठक में हिस्सा नहीं लिया।

बताया जाता है कि विपक्षी नेताओं की इस बैठक में शिवसेना की नाराजगी के मसले पर चर्चा हुई और कई विपक्षी नेताओं ने कहा कि भाजपा के खिलाफ विपक्ष की एकता के लिए जरूरी है कि ऐसे भावनात्मक मुद्दे उठाने से बचा जाए जिनका विपक्षी खेमे के दलों से सीधे सरोकार है। समझा जाता है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी इसी तरह की राय जाहिर की और राहुल को सावरकर पर हमलावर होने से बचने का संकेतों में सुझाव दिया गया।

सूत्रों के अनुसार विपक्षी नेताओं की बैठक में सावरकर मुद्दे की चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि यह उनके लिए विचाराधारा का मसला है और वैचारिक रूप से इस पर आपका भी नजरिया है और हमारा नजरिया भी है।

इस टिप्पणी के जरिए वस्तुत: राहुल ने यह संदेश दिया कि सावरकर पर मुखर होने से वे बचने का प्रयास करेंगे। कांग्रेस रणनीतिकारों ने उद्धव ठाकरे से संपर्क कर विपक्षी नेताओं की बैठक में हुई चर्चा के सार से अवगत कराया।

जाहिर तौर पर यह शिवसेना की नाराजगी दूर करने के लिए पर्याप्त थी और मंगलवार को ही संजय राउत ने गिले-शिकवे दूर होने का संदेश देने के लिए राहुल गांधी से जाकर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सोमवार रात को विपक्ष की बैठक में 18 पार्टियां शामिल हुई थीं जो आज बढ़कर 19 हो गई हैं।

शिवसेना के साथ अब कोई मतभेद नहीं

सावरकर पर बोलने से परहेज के सवाल पर जयराम ने सीधे कोई टिप्पणी नहीं कि मगर यह जरूर कहा कि शिवसेना के साथ अब कोई मतभेद नहीं हैं और वह विपक्षी खेमे का हिस्सा है। वैसे दिलचस्प यह भी है कि पिछले दो-तीन सालों के दौरान शिवसेना उद्धव गुट ने कांग्रेस और विशेष रुप से राहुल गांधी का मुखर समर्थन किया है।

संजय राउत खासतौर पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के पूरजोर समर्थकों में रहे हैं तो गांधी परिवार ने भी राउत को जेल भेजने की ईडी की कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हुए उनका समर्थन किया था।

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