Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में चुनावी शोर में गायब हुए ये बड़े मुद्दे, जिनकी सड़क से विधानसभा तक रही गूंज
Lok Sabha Election 2024 मध्य प्रदेश में बीते कुछ चुनावों में कई ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे रहे हैं जो प्रदेश की राजनीति में छाए रहे हैं। भाजपा-कांग्रेस दोनों ने इन मुद्दों को खूब उछाला और विधानसभा में भी इनकी गूंज रही लेकिन इस लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान में इन मुद्दों पर कोई बात नहीं कर रहा है। यह चुनावी परिदृश्य से ही गायब हो गए हैं।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश में पहले और दूसरे चरण में कई सीटों पर मतदान संपन्न होने के बाद अब लड़ाई तीसरे और चौथे चरण में आकर टिक गई है। अब तक के चुनावी अभियान में कई ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे गायब रहे, जो चुनाव से पहले खूब उछले थे और जिनकी चर्चा विधानसभा में भी हुई थी।
इनमें ओबीसी आरक्षण और प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे प्रमुख हैं, जिन्होंने प्रदेश की राजनीति गर्मा दी थी। कांग्रेस और भाजपा दोनों खुद को ओबीसी वर्ग का सबसे बड़ा हितैषी बताते रहे हैं, लेकिन मौजूदा चुनावी अभियान में दोनों दलों ने इन मुद्दों पर चुप्पी साध रखी है। हालांकि प्रत्याशियों चयन में दोनों दलों ने ओबीसी वर्ग का ध्यान रखा है।
पिछले चुनावों में छाया रहा मुद्दा
गौरतलब है कि प्रदेश में पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा छाया रहा था। कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में इसे 27 फीसदी करने का वादा भी किया था और सत्ता में आने के बाद इसे लागू कर दिया था, लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी।
इसके बाद भाजपा सरकार बनने पर उसने कोर्ट में ओबीसी आरक्षण की पैरवी की, न्यायालय में आरक्षण का मुद्दा लंबित होने के कारण 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा भी 2018 एवं 2023 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में खूब उठा था, लेकिन इस बार इस पर भी बात नहीं हो रही है। बता दें कि 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण पर रोक लगा दी थी, तबसे यह मामला विचाराधीन है।
पुरानी पेंशन स्कीम
इस दौरान कई कर्मचारी बिना पदोन्नति के ही रिटायर हो गए। ऐसे ही पुरानी पेंशन स्कीम का मुद्दा भी विधानसभा से लेकर सड़क तक जोरो-शोरों से उठाया गया था, खास तौर पर कांग्रेस इस मुद्दे पर भाजपा पर हमलावर रही थी, लेकिन पार्टी के चुनावी अभियान से ये मुद्दा गायब है।
इन मुद्दों पर हो रही चर्चा
इस चुनाव में प्रदेश में राष्ट्रीय मुद्दे ही केंद्र में हैं। भाजपा का चुनावी अभियान मोदी की गारंटी पर केंद्रित है। साथ ही पार्टी विपक्ष पर तुष्टीकरण, परिवारवाद और विरासत टैक्स की राजनीति करने का आरोप लगा रही है। वहीं कांग्रेस न्याय गारंटी के वादे को लेकर जनता के बीच जा रही है और गरीबी, बेरोजगारी से लेकर सरकारी एजेंसियों के दुरूपयोग को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साध रही है।