राफेल सौदे पर राहुल का दावा फुस्स, झूठे आरोपों पर अब क्या कहेगी कांग्रेस

राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को क्लीन चिट दी है, जो कि राहुल गांधी के लिए बड़ा झटका है।

By Vikas JangraEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 11:20 AM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 11:48 AM (IST)
राफेल सौदे पर राहुल का दावा फुस्स, झूठे आरोपों पर अब क्या कहेगी कांग्रेस
राफेल सौदे पर राहुल का दावा फुस्स, झूठे आरोपों पर अब क्या कहेगी कांग्रेस

नई दिल्ली, जेएनएन। तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव में जीत की खुमारी में डूबे राहुल गांधी को राफेल सौदे पर करारा झटका लगा है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को इस मामले में क्लीन चिट देते हुए जांच की सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। अब सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरे देश से माफी मांगेंगे? 

राफेल सौदे में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि राहुल गांधी राजनीतिक रूप से कितने अपरिपक्व हैं। आखिर उन्होंने किस आधार पर प्रधानमंत्री मोदी पर व्यक्तिगत हमला किया? बता दें कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार के सवाल खड़ने करने वाले सबसे पहले नेता राहुल गांधी ही थे, यहां तक कि उन्होंने इस सौदे की आड़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चोर तक कहा। 

मोदी सरकार खारिज कर सकेगी जेपीसी की मांग 

11 दिसंबर से लेकर विपक्ष संसद में राफेल मुद्दे को लेकर हंगामा कर रहा है। इस फैसले के साथ ही विपक्ष की इस मुद्दे पर हंगामा खड़ा करने की मुहिम को भी झटका है। राहुल गांधी और कांग्रेस इस सौदे को लेकर जेपीसी की मांग पर अड़े हैं। सुप्रीम कोर्ट से मिली क्लीन चिट के बाद मोदी सरकार आसानी से कांग्रेस की इस मांग को खारिज कर सकेगी। गौरतलब है कि कांग्रेस के सांसद सुनील कुमार जाखड़ ने राफेल सौदे पर संसद कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया था। 

लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा असर
राफेल सौदे को लेकर राहुल गांधी ने बार-बार हर मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उन्होंने सरकार की विश्वसनीयता और नीयत पर सवाल खड़े किए। हालांकि, फैसले के बाद अब राहुल की विश्वसनीयता और नीयत पर सवाल उठने लाजिमी हैं। राजनीतिक पंडित इसका सीधा असर लोकसभा चुनाव पर पड़ने की बात कह रहे। 

मोदी पर आरोप लगाकर राहुल ने की बड़ी भूल
राजनीति पंडितों का मानना है कि राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत आरोप लगाकर अपने जीवन की बड़ी राजनीतिक भूल की है। जानकारों का कहना है कि उन्हें पीएम नरेंद्र की बजाए अगर सरकार पर आरोप लगाया होता तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लाज बचने की उम्मीद थी।

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