उपचुनावों में लगातार हार से अब NDA के भीतर से भी उठने लगे सवाल

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उपचुनावों की हार की वजह को जानने के लिए राजग दलों की बैठक होनी चाहिए।

By Manish NegiEdited By: Publish:Sat, 02 Jun 2018 07:55 PM (IST) Updated:Sat, 02 Jun 2018 07:56 PM (IST)
उपचुनावों में लगातार हार से अब NDA के भीतर से भी उठने लगे सवाल
उपचुनावों में लगातार हार से अब NDA के भीतर से भी उठने लगे सवाल
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। उपचुनावों में भाजपा की लगातार हो रही हार से राजग के सहयोगी दल भी अब आम चुनावों से पहले अपनी नई रणनीति को लेकर संजीदा दिखने लगे है। शनिवार को राजग के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने अपने इस रूख को साफ किया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उपचुनावों की हार की वजह को जानने के लिए राजग दलों की बैठक होनी चाहिए। राजग दलों के बीच से यह मांग ऐसे समय पर आयी है, जब भाजपा पहले से विपक्षी दलों की एकजुटता की चुनौती का सामना कर रही है। ऐसे में सहयोगी दलों की ओर से उठ रहे यह सवाल भाजपा को चिंता में इजाफा कर सकते है।

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने यह बयान शनिवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आल इंडिया तैलिक समाज द्वारा आयोजित तेली एकता समारोह के दौरान पूछे गए एक सवाल के जबाव में दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को अपने सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे पर भी बात करनी चाहिए। निश्चित ही उनका इशारा पिछले चुनाव के मुकाबले आने वाले आम चुनावों में और ज्यादा सीटों पर अपनी दावेदारी को लेकर है। यही वजह है कि वह भाजपा के साथ सीटों के तालमेल पर नए सिरे से चर्चा करने के लिए वे तत्पर दिखाई दे रहे है। यह स्थिति राजग के भीतर किसी अकेले दल की नहीं है, बल्कि राजग का हर सहयोगी दल अब भाजपा के साथ अपने संबंधों को नए सिरे गढ़ने को उत्सुक दिख रहा है। शिवसेना जैसे पुराने साथी दल ने खुलकर दबाव बनाना शुरू भी कर दिया है। सहयोगी दलों का मानना है कि चुनाव से पहले विपक्षी दलों की एकजुटता का डर दिखाकर वह भाजपा के साथ नए सिरे से सीटों को लेकर तालमेल कर सकते है।
कुशवाहा ने इस दौरान ओबीसी वर्ग को मिलने वाले आरक्षण के दायरे को बढ़ाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि हमारी बढ़ती आबादी को देखते हुए अब हमें 27 फीसद से ज्यादा आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने सरकार से जल्द ही सामाजिक-आर्थिक जनगणना रिपोर्ट को जारी करने की भी मांग की।
chat bot
आपका साथी