MP Politics: सरकार अपनी है तो काहे की हार, इमरती खुद खड़े होकर डबरा के काम कराएगी
इमरती देवी का कहना है कि उन्होंने टिकट से पहले ही संगठन को बता दिया था कि वे चुनाव हार जाएंगी क्योंकि पिछले 17 सालों में डबरा कांग्रेस का गढ़ बन गया है। यहां से विधानसभा चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को जीत मिली थी।
ग्वालियर, राज्य ब्यूरो। अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली पूर्व मंत्री इमरती देवी का विजयी रथ चौथे चुनाव में थम गया है। भले ही उनके बयानों से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन संगठन को उनके बयानों पर जबाव देने में बेचैनी महसूस होती है। उपचुनाव में हारने के बाद भी इमरती देवी अब खुद को जीता हुआ बता रहीं हैं। उनका कहना है कि सरकार अपनी बनी है तो काहे की हार। इमरती खुद खडे़ होकर अपने डबरा में विकास कार्य कराएगी। जीते हुए विधायक कोई काम नहीं कर पाएंगे। विधायक के रूप में मिलने वाले मानदेय को भी खर्च करेंगे तो क्षेत्र में उससे एक हैंडपंप नहीं लगवा पाएंगे। वे गुरुवार को हार के बाद सरकारी आवास में मीडिया से चर्चा कर रहीं थी। संगठन को पहले ही बता दिया था कि मैं हार जाऊंगी।
इमरती देवी का कहना है कि उन्होंने टिकट से पहले ही संगठन को बता दिया था कि वे चुनाव हार जाएंगी क्योंकि पिछले 17 सालों में डबरा कांग्रेस का गढ़ बन गया है। यहां से विधानसभा चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को जीत मिली थी। 2018 के चुनाव में भाजपा को केवल 30 हजार वोट मिले थे। इस बार कार्यकर्ताओं, नेताओं व मैंने मेहनत कर इन वोटों को 62 हजार तक पहुंचा दिया। ढाई हजार वोट और मिल जाते तो मैं जीत जाती। इमरती देवी बोलीं, मेरी हार से क्षेत्र के लोग दुखी है। मैं उन लोगों से कहना चाहती हूं कि मैं कल भी उनके साथ थी, आज भी हूं। डबरा का विकास नहीं रुकेगा।
मुख्यमंत्री व उनकी मिसेज ने हार के बाद बात की
इमरती देवी ने कहा कि 'नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व उनकी मिसेज (साधना सिंह) ने उनसे बात की थी। दोनों कहा कि हम लोग तुम्हारे साथ हैं, चिंता मत करना।' मैं भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने से बहुत खुश हूं।
अभी नहीं दिया है इस्तीफा
हार के बाद एदल सिंह कंषाना ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इमरती देवी ने फिलहाल इस्तीफा नहीं दिया है। वे इस्तीफा देने के संबंध में कुछ बोल भी नहीं रही हैं, ना ही उनसे अभी इस्तीफा मांगा गया है।