Koo Studio चुनावी तर्क वितर्क- पांच राज्यों के परिणामों के बाद क्या है जीत के मायने व हार का सबक

उत्तर प्रदेश गोवा उत्तराखंड व मणिपुर में जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन रही है। खास बात यह है कि इन राज्यों में भाजपा लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रही है। तो वहीं पंजाब में पहली बार आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 13 Mar 2022 03:03 PM (IST) Updated:Mon, 14 Mar 2022 07:57 AM (IST)
Koo Studio चुनावी तर्क वितर्क- पांच राज्यों के परिणामों के बाद क्या है जीत के मायने व हार का सबक
भाजपा के लिए इस जीत के क्या मायने हैं व हारे हुए राजनीतिक दलों के लिए क्या सबक

पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुका है, जिसमें हर राज्य में स्पष्ट बहुमत से सरकार बनने जा रही है। उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड, व मणिपुर में जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन रही है। खास बात यह है कि इन सभी राज्यों में भाजपा लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रही है। तो वहीं पंजाब में पहली बार आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है। भारतीय जनता पार्टी के लिए इस जीत के क्या मायने हैं व हारे हुए राजनीतिक दलों के लिए क्या सबक है इन सभी बातों पर Koo Studio के खास शो चुनावी तर्क वितर्क के इस एपिसोड में चर्चा किया गया। 

चुनावी तर्क वितर्क के इस एपिसोड में प्रसार भारती के हेड ऑफ कंटेंट ऑपरेशन Rahul Mahajan व Jagran New Media के एग्जक्यूटिव एडिटर Pratyush Ranjan शामिल हुए। इस चुनाव में स्पष्ट बहुमत के साथ एक अलग जनादेश भी प्राप्त हुआ है। जिसमें हर राज्य से कई दिग्गजों को असफलता हाथ लगी है। जिसमें उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेताओं में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य हैं तो वहीं उत्तराखण्ड में पुष्कर सिंह धामी व हरीश रावत जैसे नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही पंजाब में सुखबीर सिंह बादल, प्रकाश सिंह बादल, वर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आदि नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। जो कि जनता के बदले हुए मूड को दिखाता है। जिन्होंने बड़े नेता की जगह सशक्त नेतृत्व चुनना पसंद किया। 

इन पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कांग्रेस पार्टी का जनाधार पांचो राज्यों में कम हुआ है। खासतौर पर उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी वाड्रा का आना एक बड़े परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा था। उन्होंने चुनाव से पहले हर मुद्दे पर सरकार को घेरने का भी प्रयास किया। लेकिन उनके सारे प्रयास वोट में परिवर्तित नहीं हो पाए। इसके बारे में बात करते हुए एक्सपर्ट्स ने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश की राजनीति में गलत समय में लाया गया। कांग्रेस पार्टी काफी समय तक राहुल गांधी के चेहरे पर चुनाव लड़ती रही व प्रियंका गांधी को लाने में काफी देर कर दी। 

साथ ही जनता अब किसी चेहरे पर वोट नहीं देती है। जिस वजह से आपने देखा कि कैसे कई बड़े राजनेता चुनाव हार गए। कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 399 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें 387 सीटों पर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। जो कांग्रेस की उत्तर प्रदेश चुनाव में बदहाली को दर्शाता है। कांग्रेस पार्टी के लिए आगे गुजरात चुनाव एक बड़ा लक्ष्य है। भारतीय जनता पार्टी व प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात चुनाव के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिए अपना अस्तित्व बचाते हुए गुजरात का चुनाव जीतना काफी महत्वपूर्ण है। साथ ही कांग्रेस संगठन में हर स्तर पर नेतृत्व के बदलाव की भी आवश्यकता है। सिर्फ एक नया चेहरा लाकर पार्टी अपनी जीत सुनिश्चित नहीं कर सकती। 

इसके अतिरिक्त विधानसभा चुनावों से जुड़े और भी कई मुद्दों पर चर्चा की गई, साथ ही विभिन्न पार्टियों की आगे की रणनीति क्या रहेगी इसका भी विश्लेषण किया गया। इस पूरी चर्चा को आप यहां देख सकते हैं-

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