UN में चीन की जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर टिप्पणी से नाराज हुआ भारत; दिया करारा जवाब

भारत ने चीन को करारा जवाब देते बेहद सख्ती से समझाते हुए जम्मू कश्मीर और लद्दाख को भारत का अभिन्न अंग बताया है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sat, 28 Sep 2019 01:16 PM (IST) Updated:Sat, 28 Sep 2019 03:05 PM (IST)
UN में चीन की जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर टिप्पणी से नाराज हुआ भारत; दिया करारा जवाब
UN में चीन की जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर टिप्पणी से नाराज हुआ भारत; दिया करारा जवाब

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत ने शनिवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी के यूएन में दिए गए भाषण पर करारा जवाब दिया है। भारत ने चीनी विदेश मंत्री द्वारा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर की गई टिप्पणियों पर उन्हें जवाब दिया है। बता दें, संयुक्त राष्ट्र महासभा(UNGA) में कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए चीन ने कहा कि इस विवाद को, संयुक्त राष्ट्र चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौते के अनुसार शांतिपूर्वक और उचित रूप से संबोधित किया जाना चाहिए। पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने जोर देकर कहा कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए जो एकतरफा हो और जिससे यथास्थिति में कोई बदलाव हो।

भारत का चीन को करारा जवाब

इसपर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और यह भी कहा कि इलाके से संबंधित हालिया घटनाक्रम देश के लिए पूरी तरह से आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा कि चीन को भारत की स्थिति के बारे में अच्छी तरह से पता है कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है और हालिया घटनाक्रम हमारे लिए पूरी तरह से आंतरिक है। 

भारत ने आगे कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे(CPEC) के माध्यम से यथास्थिति को बदलने के प्रयासों से बचेंगे।' कुमार ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि अन्य देश भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे।

पिछले महीने, भारत ने जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लिया और राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया, जो 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएगा।

चीन ने क्या कहा था ?

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को अपने संबोधन में शुक्रवार को कहा कि कश्मीर मुद्दा, अतीत से जुड़ा हुआ  विवाद है और इसे शांति और ठीक से संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौते के अनुसार संबोधित किया जाना चाहिए।

chat bot
आपका साथी