काबुल हमले में मृत सिखों के अंतिम संस्कार स्थल के पास भी हमला, भारत ने जताई चिंता

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि काबुल (अफ़गानिस्तान) में गुरुद्वारा साहिब पर हमले के दौरान मारे गए लोगों के दाह संस्कार स्थल के पास विस्फोटों को लेकर चिंतित हैै।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 26 Mar 2020 04:13 PM (IST) Updated:Fri, 27 Mar 2020 12:52 AM (IST)
काबुल हमले में मृत सिखों के अंतिम संस्कार स्थल के पास भी हमला, भारत ने जताई चिंता
काबुल हमले में मृत सिखों के अंतिम संस्कार स्थल के पास भी हमला, भारत ने जताई चिंता

नई दिल्‍ली/काबुल, एजेंसियां। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारे पर हमले के 24 घंटे के भीतर एक बार फिर हमला हुआ है। यह विस्फोट उस जगह से करीब 50 मीटर की दूरी पर हुआ जहां गुरुद्वारे पर हमले में मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। गुरुवार को हुए विस्फोट में एक बच्चा घायल हुआ है। इस बीच, भारत ने इस हमले पर भी गहरी चिंता जाहिर की है। अफगानिस्तान पुलिस ने बताया कि विस्फोट में बच्चे के घायल होने के अलावा सिखों के अंतिम संस्कार में भी बाधा पड़ी।

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विस्फोट की जानकारी सामने आने के बाद कहा, 'क्रिमेशन साइट के नजदीक धमाके की खबर से चिंतित हूं। हमारा दूतावास काबुल के सुरक्षा अधिकारियों के साथ संपर्क में है। मैंने उन्हें क्रिमेशन साइट और घर लौटते वक्त उपयुक्त सुरक्षा उपलब्ध कराने को कहा है।'

Our Embassy has been in touch with Kabul security authorities. I have asked them to ensure adequate security onsite as well as the safe return of families to their homes thereafter: EAM S Jaishankar https://t.co/IjsmOF1kF6" rel="nofollow

— ANI (@ANI) March 26, 2020

गुरुवारे में हमले में मारे गए थे 25 लोग

ज्ञात हो कि अफगानिस्तान में मंगलवार को एक सिख धार्मिक सभा में जुटे लोगों पर कुछ बंदूकधारियों ने हमला कर दिया, जिसमें 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, वहीं 8 लोग घायल हो गए थे। ये सभी लोग काबुल में एक धार्मिक समागम के लिए जमा हुए थे। अफगानी सेना ने चारों आतंकियों को मार गिराया है। इनमें एक व्‍यक्ति भारतीय है। बाकी सभी वहीं के निवासी हैं।

मारे गए भारतीय के पार्थिव शरीर को स्‍वदेश में जुटा उच्‍चायोग 

विदेश मंत्री ने एक और ट्वीट में कहा कि ,'आतंकी हमले से उत्पन्न आक्रोश और दुख को समझता हूं। भारतीय उच्चायोग तियान सिंह के पार्थिव शरीर को स्वदेश लाने के लिए काम कर रहा है।' अफगानिस्तान में भारत के राजदूत विनय कुमार ने गुरुवार को हमले से पीड़ित परिवारों से मुलाकात भी की। उन्होंने घायलों के उचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात भी कही। इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि हम इस हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

भारत इस घड़ी में अफगानिस्तान में प्रभावित हिंदू एवं सिख समुदाय के परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करने को तत्पर है। मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के प्रकोप के बीच अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक पूजास्थल पर ऐसा कायराना हमला इन हमलावरों एवं उनका समर्थन करने वालों की कुत्सित मानसिकता को दर्शाता है। मंत्रालय ने कहा कि हम इस हमले का जवाब देने के लिए अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों के पराक्रम, उनके साहस और समर्पण की सराहना करते हैं। अफगानिस्तान में शांति एवं सुरक्षा के वातावरण के प्रयासों में भारत वहां के लोगों, सरकार और सुरक्षा बलों के साथ खड़ा है।

आईएसआईएस ने ली हमले की जिम्‍मेदारी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली है। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत इलाके की घेराबंदी की थी। तालिबान के प्रवक्ता जबिहुल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट करके कहा था कि तालिबान इस हमले में शामिल नहीं हैं। मार्च महीने की शरुआत में ही इस्लामिक स्टेट ने काबूल में मौजूद अल्पसंख्यक शिया मुसलमानों के एक समूह पर हमला किया, जिसमें 32 लोगों की मौत हो गई थी।

यूएन और अमेरिका ने की हमले की निंदा 

गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले की संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने निंदा की है। साथ ही कहा कि दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए। दुनिया के किसी भी हिस्से में धार्मिक स्थलों पर आम लोगों को निशाना बनाने जैसे कृत्य का कोई समर्थन नहीं किया जा सकता है। यूएन महासचिव एंटोनियो गुतेरस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा कि महासचिव ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। अमेरिका ने भी हमले की आलोचना की है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि आइएस और अन्य आतंकी संगठनों से मुक्त भविष्य अफगानिस्तान के लोगों का हक है। उन्हें राजनीतिक समझौते पर बात करने के लिए आगे आने और आतंकी संगठनों के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा बनाने की जरूरत है।

हाल के वर्षों में सिखों और हिंदुओं ने बड़ी संख्या में भारत में शरण ली है। अफगानिस्‍तान में सिखों और हिंदुओं की बड़ी आबादी रहती है। जुलाई 2018 में इस्लामिक स्टेट द्वारा सिखों और हिंदुओं के एक काफिले पर हमला किया गया था। ये लोग अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मिलने जलालाबाद जा रहे थे। इस हमले में 19 लोगों की मौत हो गई थी।

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