भारत-पाक के बीच जल बंटवारे का कोई नया प्रस्ताव विचाराधीन नहीं : केंद्र

जल शक्ति राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा सिंधु नदी के पानी के इस्तेमाल पर 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सिंधु जल संधि लागू होती है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Thu, 04 Jul 2019 11:57 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jul 2019 11:57 PM (IST)
भारत-पाक के बीच जल बंटवारे का कोई नया प्रस्ताव विचाराधीन नहीं : केंद्र
भारत-पाक के बीच जल बंटवारे का कोई नया प्रस्ताव विचाराधीन नहीं : केंद्र

 नई दिल्ली, प्रेट्र । सरकार ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे का कोई नया प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में जल शक्ति राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा, 'सिंधु नदी के पानी के इस्तेमाल पर 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सिंधु जल संधि लागू होती है। (इसके अलावा) भारत और पाकिस्तान के बीच पानी के बंटवारे के संबंध में कोई नया प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।'

उनसे सवाल किया गया था कि क्या भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच पानी के बंटवारे को लेकर कोई नया प्रस्ताव है। सिंधु जल संधि के अनुसार, तीन पूर्वी नदियों- रावी, ब्यास और सतलुज का पानी भारत के लिए आरक्षित है जबकि सिंधु, चिनाब और झेलम का पानी पाकिस्तान के लिए है। साथ ही उन्होंने बताया कि भारत और बांग्लादेश गंगा जल संधि-1966 के मुताबिक फरक्का में गंगा का पानी साझा कर रहे हैं।

पाक उच्चायोग अधिकारी के खिलाफ जनवरी में सामने आया उत्पीड़न का मामला

पाकिस्तानी उच्चायोग के एक अधिकारी के खिलाफ कथित उत्पीड़न का एक मामला इस साल जनवरी में सामने आया था। विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने गुरुवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी। 2018-19 में पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी द्वारा एक भारतीय महिला से छेड़डाड़ किए जाने के बारे में अजय प्रताप सिंह द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मुरलीधरन ने कहा, जनवरी 2019 में पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत एक अधिकारी द्वारा कथित तौर पर परेशान किए जाने से संबंधित एक घटना सामने आई थी। पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस आरोप का खंडन किया था और पीडि़त कर्मचारी ने भी पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई थी।

आतंकी घुसपैठ के खिलाफ सख्त कदम जारी रहेंगे

एक अन्य सवाल के जवाब में विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा में बताया कि भारत आतंकी घुसपैठ की सभी कोशिशों के खिलाफ सख्त और निर्णायक कदम उठाने जारी रखेगा जब तक पाकिस्तान अपने नियंत्रण वाले इलाकों से सीमापार आतंकवाद और आतंकी ढांचे को खत्म करने के लिए विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय कदम नहीं उठाता। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसियों जैसे रिश्तों का इच्छुक है और सभी लंबित मुद्दों को शिमला समझौते व लाहौर घोषणा के तहत द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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