विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बैठक की, जानें किन मुद्दों पर हुई चर्चा

विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अनुराग श्रीवास्‍तव ने बताया कि इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मामलों क्षेत्रीय घटनाक्रमों समेत अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 10 Sep 2020 06:50 PM (IST) Updated:Thu, 10 Sep 2020 10:33 PM (IST)
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बैठक की, जानें किन मुद्दों पर हुई चर्चा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बैठक की, जानें किन मुद्दों पर हुई चर्चा

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मास्‍को में गुरुवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बैठक की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अनुराग श्रीवास्‍तव ने बताया कि इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मामलों, क्षेत्रीय घटनाक्रमों समेत अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। यही नहीं विदेश मंत्री रूस की राजधानी मास्को में आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी हिस्‍सा लिया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि सर्गेई लावरोव के साथ बैठक में हुई बातचीत हमारे विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक भागीदारी को दर्शाती है। इसके साथ ही उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की सामूहिक तस्वीर भी पोस्ट की। इसमें चीन और पाकिस्तान भी शामिल हैं। यह एससीओ विदेश मंत्रियों की तीसरी बैठक थी जिसमें भारत ने पूर्ण सदस्य के रूप में भाग लिया।

विदेश मंत्रालय ने बीते दिनों अपने बयान में कहा था कि भारत इस साल रूस की अध्यक्षता में विभिन्न एससीओ संवाद तंत्र में सक्रियता से भाग लेता रहा है। मास्को में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में आगामी एससीओ शिखर सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा भी की गई और अंतरराष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय मसलों पर विचार-विमर्श किया गया। एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में रूस, चीन, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान द्वारा की गई थी।

भारत और पाकिस्तान को साल 2005 में समूह के पर्यवेक्षकों के रूप में शामिल किया किया गया था। बाद में साल 2017 में दोनों देशों को पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल कर लिया गया। गौरतलब है कि यह बैठक ऐसे समय हुई जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव अपने चरम पर है। दोनों ही देशों की सेनाएं सीमा पर डटी हुई हैं। बीते दिनों चीन ने सीमा को बदलने की कई कोशिशें की हैं जिसे भारतीय सेना के जवानों ने नाकाम कर दिया है।  

मास्‍को में रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) से इतर त्रिपक्षीय बातचीत भी की। बता दें कि आरआईसी ढांचे के तहत तीनों देशों के विदेश मंत्री समय समय पर अपने हितों वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर बातचीत के लिए मिलते रहते हैं। इस बीच कांसुलर, पासपोर्ट, वीजा और प्रवासी भारतीय मामलों के सचिव संजय भट्टाचार्य और फिलिस्तीन के विदेश मंत्री के बीच तीसरे दौर की बातचीत हुई। 

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