मध्‍य प्रदेश में हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष के पद को लेकर नेताओं में शुरू हुई खींचतान

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के बाद देशभर में कांग्रेस संगठन में फेरबदल के लिए इस्तीफों का दौर चल रहा है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Wed, 29 May 2019 11:15 AM (IST) Updated:Wed, 29 May 2019 11:37 AM (IST)
मध्‍य प्रदेश में हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष के पद को लेकर नेताओं में शुरू हुई खींचतान
मध्‍य प्रदेश में हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष के पद को लेकर नेताओं में शुरू हुई खींचतान

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। लोकसभा चुनाव में मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद अब वहां के प्रदेश अध्‍यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ के पद छोड़ने की चर्चा जोर पकड़ रही है।  इसको लेकर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच चर्चा भी हुई है। इस बीच नए अध्यक्ष को लेकर कई गुटों के नेता भी सक्रिय हो गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह पद सौंपे जाने को लेकर उनके समर्थक भी लामबंद हो गए हैं। दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी नेता हैं जो इसके खिलाफ दिखाई दे रहे हैं। ऐसे नेताओं का तर्क है कि इस चुनाव ने सभी छोटे-बड़े चेहरों को एक लाइन में खड़ा कर दिया है।

इस्‍तीफे का दौर
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के बाद देशभर में कांग्रेस संगठन में फेरबदल के लिए इस्तीफों का दौर चल रहा है। वहीं, विधानसभा चुनाव के बाद मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनने पर अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव तक उन्हें हाईकमान ने जिम्मेदारी संभालने को कहा था। मगर लोकसभा चुनाव में पांसा पलट गया और अब नए चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दिए जाने की मांग उठने लगी है। जिसके बाद नेताओं और उनके समर्थकों ने भी लामबंद होना शुरू कर दिया है।  

केपी सिंह का बयान
प्रदेश से सिंधिया की हार के बाद उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर पिछोर विधायक केपी सिंह ने सोमवार को बयान दिया था कि लोकसभा चुनाव ने जनता ने छोटे-बड़े सभी चेहरों को एक लाइन में खड़ा कर दिया है। गौरतलब है कि केपी सिंह और सिंधिया के संबंध अलग-अलग मौकों पर खट्टे-मीठे रहे हैं। सिंधिया को केपी सिंह की पिछोर विस सीट से ही बढ़त मिली है और शेष सभी सात सीटों से वे भाजपा प्रत्याशी से हारे हैं।

सिंधिया समर्थक खुलकर सामने आए
इधर, सिंधिया समर्थक मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, कार्यकर्ता अपने नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग उठाने के लिए लामबंद हो गए हैं। मंत्री इमरती देवी, प्रद्युम्नसिंह तोमर, तुलसीराम सिलावट, विधायक सुरेश धाकड़ 'राठखेड़ा" व मुन्‍ना लाल गोयल, पूर्व विधायक राजेंद्र भारती व हेमंत कटारे, प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी सहित कई नेता इनमें शामिल हैं। इमरती देवी ने सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपने के लिए पहले खुलकर बयान दिया था और बाद में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिए जाने की मांग की थी। वहीं तोमर खुलकर सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।

सिंधिया से बेहतर विकल्प नहीं: गोयल
मंत्री तुलसीराम सिलावट का कहना है कि सिंधिया को हाईकमान ने जब भी जो भी जिम्मेदारी दी है, उसे उन्होंने समर्पित भाव से निभाई है। विधायक सुरेश धाकड़ 'राठखेड़ा" ने कहा कि सिंधिया युवा हैं और उन्हें पीसीसी अध्यक्ष बनाए जाने से संगठन मजबूूत होगा। सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के समर्थन में हाईकमान को पत्र भी लिखेंगे। विधायक मुन्नालाल गोयल ने कहा कि अगर नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है तो सिंधिया से बेहतर विकल्प कोई दूसरा नहीं है। पूर्व विधायक राजेंद्र भारती ने कहा कि सिंधिया जन नेता हैं और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है तो संगठन की ताकत बढ़ेगी। पूर्व विधायक हेमंत कटारे ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने में सिंधिया का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा है कि सीएम कमलनाथ एक पद से मुक्त होने के संकेत दे चुके हैं और उनके स्थान पर सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है तो उनकी राजनीतिक योग्यता व क्षमताओं का पार्टी सदुपयोग कर सकती है।

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