अस्थाना रिश्वत मामले में कारोबारी सतीश सना से सीबीआइ पूछताछ

सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच विवाद के चलते केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर की रात दोनों को जबरन छुट्टी पर भेज दिया था।

By Manish NegiEdited By: Publish:Tue, 18 Dec 2018 08:52 PM (IST) Updated:Tue, 18 Dec 2018 08:52 PM (IST)
अस्थाना रिश्वत मामले में कारोबारी सतीश सना से सीबीआइ पूछताछ
अस्थाना रिश्वत मामले में कारोबारी सतीश सना से सीबीआइ पूछताछ

नई दिल्ली, प्रेट्र। सीबीआइ के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत मामले में सीबीआइ ने मंगलवार को हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना से पूछताछ की। सना की शिकायत के आधार पर ही अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच विवाद के चलते केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर की रात दोनों को जबरन छुट्टी पर भेज दिया था। इसके तुरंत बाद सरकार ने एम. नागेश्वर राव को सीबीआइ का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया था। कार्यभार संभालने के बाद नागेश्वर राव ने अस्थाना के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहे विशेष जांच दल के सदस्यों का स्थानांतरण करके नई टीम गठित की थी। मंगलवार को इसी नई टीम ने सतीश बाबू सना को पूछताछ के लिए बुलाया था ताकि उनके बयानों की सत्यता परखी जा सके। सूत्रों ने बताया कि सना से उनकी शिकायत में विसंगतियों के बाबत पूछताछ की गई।

मालूम हो कि सना ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में नई दिल्ली और दुबई में कई बिचौलियों से मुलाकात का जिक्र किया था। बाद में उनके इसी बयान के आधार पर एफआइआर दर्ज की गई थी। सना ने दावा किया था कि अस्थाना के नेतृत्व में मीट निर्यातक मोईन कुरैशी के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच कर रही सीबीआइ टीम द्वारा बार-बार जारी किए जा रहे समन से वह निजात पाने की कोशिश कर रहे थे। तब इंवेस्टमेंट बैंकर मनोज प्रसाद ने उन्हें आश्वस्त किया था कि अगर वह पांच करोड़ रुपये रिश्वत देने को राजी हों तो उन्हें राहत मिल सकती है। सीबीआइ के मुताबिक, सना द्वारा बिचौलियों को पांच बार रिश्वत के कथित भुगतान के बाद उन्हें धीरे-धीरे राहत मिलती चली गई थी।

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