अविश्वास प्रस्ताव पर अंत समय तक सक्रिय रहे दोनों तरफ के रणनीतिकार

अविश्वास प्रस्ताव से ज्यादा आगामी चुनावों को लेकर चिंतित दिखे क्षेत्रीय दल।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 20 Jul 2018 07:52 PM (IST) Updated:Fri, 20 Jul 2018 08:13 PM (IST)
अविश्वास प्रस्ताव पर अंत समय तक सक्रिय रहे दोनों तरफ के रणनीतिकार
अविश्वास प्रस्ताव पर अंत समय तक सक्रिय रहे दोनों तरफ के रणनीतिकार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अविश्वास प्रस्ताव का हश्र क्या होगा, यह सभी को पता था। सत्ता पक्ष के सदस्य जहां इस विश्वास से लबरेज थे कि 'नंबर गेम' में सरकार का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता वही विपक्षी दलों की पूरी रणनीति यह थी कि सरकार को ज्यादा से ज्यादा किस तरह से कठघरे में किया जाए।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरु होने से पहले ही सदन में उपस्थित हो कर पीएम नरेंद्र मोदी ने यह जता दिया कि नंबर गेम में सुरक्षित होने के बावजूद वह इसे गंभीरता से लेते हैं। इसका असर सत्ता बेंच पर साफ तौर पर दिखाई दिया। सत्ता पक्ष की तरफ से शुरु से ही लगभग सारे सदस्य मौजूद थे और विपक्षी दलों के किसी भी आरोप को बगैर जवाब दिये नहीं जाने दिया गया।

वैसे पूरे भाषण के दौरान सबसे ज्यादा हलचल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण के दौरान ही देखने को मिली। रोजगार देने से लेकर फाइटर जेट राफेल के सौदे और किसानों की कर्ज माफी से लेकर विदेश नीति तक के मामले उठाते हुए राहुल ने इस बात का पूरा ख्याल रखा कि हमला सीधा पीएम पर हो। राफेल पर उनके आरोप के बाद जब सत्ता पक्ष की तरफ से जोरदार आपत्ति जताई गई तो अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को सदन की कार्यवाही भी 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

इसके तुरंत बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएम मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ संक्षिप्त विमर्श किया। कांग्रेस की तरफ भी रणनीति बनाने की जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया और के सी वेणुगोपाल की थी जिसे सदन के भीतर मल्लिकार्जुन खड़गे निर्देशित कर रहे थे। सोनिया गांधी भी सुबह से ही विपक्षी बेंच पर डटी रहीं। हालांकि खड़गे को उनके अतिउत्साह की वजह से एक बार अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की खरी खरी सुननी भी पड़ी। लोकसभा अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष के कुछ सांसदों को भी व्यवहार में सुधार लाने की सलाह देने से कोई गुरेज नहीं की।

क्षेत्रीय दलों की नजर पूरी तरह से अपने राज्यों के चुनाव पर रही। बहस शुरु होने से पहले ही बीजू जनता दल (बीजेडी) ने सदन से बर्हिगमन कर जता दिया कि वह न तो कांग्रेस के साथ है और न ही भाजपा के साथ। इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पर भाषण की शुरुआत टीडीपी के जयदेव गाला ने किया और उनका पूरा भाषण आंध्र प्रदेश के साथ हुए सौतेला व्यवहार से भरा रहा। और इस कारण शुरूआती एक घंटे में कांग्रेस व दूसरे विपक्षी दलों के चेहरे पर बेचैनी भी दिखती रही। कुछ विपक्षी सांसद एक दूसरे को इशारा कर यह जताते रहे कि वक्त और मंशा दोनों लेकिन मजबूरी थी

कांग्रेस नेता व राज्य सभा सांसद पी चिदंबरम बहुत देर कर राज्यसभा सांसदों के लिए बने दीर्घा से कार्रवाई देखी। इस दौरान सत्ता पक्ष के सांसद जब राजग सरकार की उपलब्धियों गिना रहे थे तब वह असहमति से सिर हिला रहे थे। भाजपा सांसद रूपा गांगुली, जीवीएल नरसिंहाराव समेत राज्य सभा के अन्य सांसद भी बहुत देर तक रहे।

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