BJP विधायक ने तीन तलाक को देह व्यापार से जोड़ा, अब दी ये सफाई

तीन तलाक को लेकर ओडिशा से भाजपा विधायक बिष्णु सेठी ने बेहद ही चौंकाने वाला बयान दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने जो कुछ भी कहा उसमें कोई गलती नहीं है।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Fri, 02 Aug 2019 08:47 AM (IST) Updated:Fri, 02 Aug 2019 08:59 AM (IST)
BJP विधायक ने तीन तलाक को देह व्यापार से जोड़ा, अब दी ये सफाई
BJP विधायक ने तीन तलाक को देह व्यापार से जोड़ा, अब दी ये सफाई

नई दिल्ली,एजेंसी। एक ओर जहां राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ तीन तलाक बिल (triple talaq bill) अस्तित्व में आ गया है। वहीं इसे लेकर ओडिशा में भाजपा विधायक बिष्णु सेठी ने कहा था कि जिन महिलाओं को तीन तलाक दिया जाता हैं। उन्हें देह व्यापार करने के लिए मजबूर किया जाता है। अब इसपर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि मैंने जो कुछ कहा उसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी  तीन तलाक नहीं है। इसकी पीड़िता हमारी बेटियां ही हैं और ऐसी कई रिपोर्ट है जो इस ओर इशारा भी करती हैं। 

जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने तीन तलाक बिल (Triple Talaq bill) को मंजूरी दे दी है। यह कानून 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा। बता दें कि तीन तलाक बिल (Triple Talaq bill) संसद के दोनों सदनों से पहले ही पास हो चुका है। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने इस बिल को 25 जुलाई को लोकसभा में और 30 जुलाई को राज्यसभा में पास करवाया था। बिल के कानून बनने के बाद 19 सितंबर 2018 के बाद जितने भी तीन तलाक से संबंधित मामले आए हैं, उन सभी का निपटारा इसी कानून के तहत किया जाएगा।

तीन तलाक बिल
इस बिल के अनुसार तत्काल तीन तलाक अपराध संज्ञेय यानी इसे पुलिस सीधे गिरफ्तार कर सकती है। लेकिन यह तभी संभव होगा जब महिला खुद शिकायत करेगी। इसके साथ ही खून या शादी के रिश्ते वाले सदस्यों के पास भी केस दर्ज करने का अधिकार रहेगा। पड़ोसी या कोई अनजान शख्स इस मामले में केस दर्ज नहीं कर सकता है। इस अध्यादेश के मुताबिक तीन तलाक देने पर पति को तीन साल की सजा का प्रावधान रखा गया। हालांकि, किसी संभावित दुरुपयोग को देखते हुए विधेयक में अगस्त 2018 में संशोधन कर दिए गए थे। इस बिल में मौखिक, लिखित, इलेक्ट्रॉनिक (एसएमएस, ईमेल, वॉट्सऐप) को अमान्य करार दिया गया और ऐसा करने वाले पति को तीन साल की सजा का प्रावधान जोड़ा गया।

बिल में यह भी है प्रावधान
मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकता है। जमानत तभी दी जाएगी, जब पीड़ित महिला का पक्ष सुना जाएगा। पीड़ित महिला के अनुरोध पर मजिस्ट्रेट समझौते की अनुमति दे सकता है। पीड़ित महिला पति से गुज़ारा भत्ते का दावा कर सकती है, महिला को कितनी रकम दी जाए यह जज तय करेंगे। पीड़ित महिला के नाबालिग बच्चे किसके पास रहेंगे इसका फैसला भी मजिस्ट्रेट ही करेगा।

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