MVA Crisis: महाराष्ट्र के सियासी नाटक में भाजपा की 'एंट्री', फडणवीस और शिंदे की मुलाकात से अटकलें तेज, बागी गुट ने बदला पैंतरा

भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र में चल रहे सियासी नाटक से अब तक दूर ही नजर आई है। अजीत पवार और जयंत पाटिल भी कह चुके हैं कि उन्हें इस बगावत के पीछे भाजपा का कोई हाथ नजर नहीं आता। लेकिन एक घटना ने अटकलें तेज कर दी हैं...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 25 Jun 2022 09:47 PM (IST) Updated:Sun, 26 Jun 2022 06:38 AM (IST)
MVA Crisis: महाराष्ट्र के सियासी नाटक में भाजपा की 'एंट्री', फडणवीस और शिंदे की मुलाकात से अटकलें तेज, बागी गुट ने बदला पैंतरा
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी नाटक में अब तक भाजपा की कोई सीधी भूमिका नजर नहीं आई है।

मुंबई, राज्‍य ब्‍यूरो/एजेंसियां। महाराष्ट्र में चल रहे सियासी नाटक में अब तक भाजपा की कोई सीधी भूमिका नजर नहीं आई है। यहां तक कि राकांपा के दो नेताओं उपमुख्यमंत्री अजीत पवार एवं प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल भी कह चुके हैं कि उन्हें शिवसेना में बगावत के पीछे भाजपा का कोई हाथ नजर नहीं आता। लेकिन 24-25 जून की मध्यरात्रि भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस एवं शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की गुजरात में हुई मुलाकात की चर्चा जोरों पर है। हालांकि इस मुलाकात की पुष्टि अब तक दोनों में से किसी पक्ष की ओर से नहीं की गई है।

बागियों ने बदला पैंतरा, होटल की बुकिंंग बढ़ाने की मांग  

इस बीच समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बागी विधायकों के गुट ने भी पैंतरा बदलते हुए होटल प्रबंधन से गुवाहाटी में अपनी बुकिंग दो और दिनों के लिए बढ़ाने को कहा है। पहले यह बुकिंग 28 जून तक थी।

शिंदे गरजे- पार्टी कार्यकर्ताओं की बेहतरी के लिए यह लड़ाई

वहीं एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर कहा है कि शिवसेना कार्यकर्ताओं को समझना चाहिए कि मैं शिवसेना और उसके कार्यकर्ताओं को महा विकास अघाडी सरकार के चंगुल से मुक्त करना चाहता हूं और मैं इसके लिए संघर्ष कर रहा हूं। यह लड़ाई पार्टी कार्यकर्ताओं की बेहतरी के लिए है। 

बालासाहेब की विरासत को बढ़ाएंगे आगे 

इस बीच बागी विधायक दीपक केसरकर ने शनिवार को कहा कि उनके साथ मौजूद सभी विधायक अब भी शिवसेना का हिस्सा हैं। हम शिवसेना नहीं छोड़ेगे बल्कि बालासाहेब की विरासत को आगे बढ़ाएंगे। हम उस विचारधारा को नहीं छोड़ रहे हैं जिसको लेकर बाला साहेब आगे बढ़े थे। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक उन्‍होंने कहा कि हम किसी अन्य पार्टी के साथ विलय नहीं कर रहे हैं। हम उद्धव ठाकरे का सम्मान करते हैं। सभी असंतुष्ट विधायक पार्टी का एक अलग ब्लाक बनाएंगे।

संजय राउत का पलटवार

वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने बागियों पर पलटवार करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे ने कहा है कि जो लोग छोड़कर गए हैं, वे शिवसेना के नाम से वोट मत मांगे और अगर वोट मांगते हैं तो अपने खुद के बाप के नाम पर मांगे। शिवसेना के पितामह बालासाहेब ठाकरे के नाम पर वोट मत मांगें...

सियासी नाटक में भाजपा की एंट्री 

शिवसेना में बगावत शुरू होने के बाद से ही शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत इस बगावत का ठीकरा भाजपा के सिर फोड़ते आ रहे हैं। चूंकि बगावत के बाद बागी शिवसेना विधायक पहले भाजपा शासित पड़ोसी राज्य गुजरात के शहर सूरत गए, उसके बाद भाजपा शासित पूर्वोत्तर के राज्य असम चले गए। इन दोनों स्थानों पर उन्हें वहां की राज्य सरकारों द्वारा ही पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। वहां के स्थानीय भाजपा नेताओं से उनकी मुलाकात होने की भी बात कही जा रही है।

#WATCH असम: गुवाहाटी के एक होटल में एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में बागी विधायकों की बैठक जारी है। #MaharashtraPolitcalCrisis pic.twitter.com/JYXgwZEJ3x

— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 25, 2022

कौन उठा रहा होटल का खर्च 

इसके अलावा विधायकों को पांच सितारा होटलों में रखने और उनके खान-पान पर हो रहे खर्च पर सवाल उठाए जा रहे हैं, कि ये खर्च कौन कर रहा है? इसका जवाब आज बागी विधायकों की ओर प्रेस से बात करने आए विधायक दीपक केसरकर ने यह कहकर दिया कि बागी विधायक अपना खर्च खुद उठा रहे हैं। केसरकर की इस सफाई के बावजूद माना यही जा रहा है कि शिवसेना के बागी विधायकों को शह देने का काम महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा द्वारा ही किया जा रहा है।

क्‍या हो आगे की रणनीति 

एकनाथ शिंदे की गुपचुप गुजरात यात्रा को लेकर भी कहा जा रहा है कि विधायकों के नए गुट की विधानसभा में मान्यता को लेकर शिवसेना एवं विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवल द्वारा पैदा की जा रही अड़चनों को लेकर आगे की रणनीति पर फडणवीस से चर्चा करने के लिए ही शिंदे 24-25 जून की रात गुपचुप गुजरात गए थे। वहां बागी गुट को विधानसभा में मान्यता दिलाने के लिए किस-किस स्तर पर लड़ाई लड़ी जानी है, इसे लेकर देवेंद्र फडणवीस से विस्तार से चर्चा हुई है क्योंकि अब माना यही जा रहा है कि शिवसेना आसानी से हथियार नहीं डालने वाली।  

विशेष विमान से इंदौर होकर की वडोदरा यात्रा

सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार रात महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुंबई से विशेष विमान से इंदौर आए और यहां से वडोदरा के लिए निकल गए। वहीं, शनिवार अलसुबह वे वडोदरा से वापस इंदौर आकर मुंबई के लिए रवाना हुए। फडणवीस ने अपनी यात्रा को गोपनीय रखा और इंदौर के भाजपा नेताओं को भी उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी। इस वजह से विमानतल पर स्थानीय नेता भी उनके स्वागत के लिए नहीं पहुंचे। इंदौर विमानतल पर विमान में ईंधन भी भरा गया।

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