कमलनाथ की CM दावेदारी पर सिख विरोधी दंगों का साया, भाजपा और सिखों ने विरोध जताया

मध्यप्रदेश में सीएम पद के लिए कमलनाथ का नाम लगभग तय माना जा रहा था। हालांकि, इस नाम पर प्रदेश के बाहर से विरोध शुरू हो गया है।

By Vikas JangraEdited By: Publish:Thu, 13 Dec 2018 11:41 AM (IST) Updated:Thu, 13 Dec 2018 02:51 PM (IST)
कमलनाथ की CM दावेदारी पर सिख विरोधी दंगों का साया, भाजपा और सिखों ने विरोध जताया
कमलनाथ की CM दावेदारी पर सिख विरोधी दंगों का साया, भाजपा और सिखों ने विरोध जताया

नई दिल्ली, जेएनएन। पहले से सीएम चुनने की मुश्किल में घिरी कांग्रेस की मुसीबत सिख नेताओं ने और भी बढ़ा दी है। मध्यप्रदेश में सीएम पद के लिए कमलनाथ का नाम लगभग तय माना जा रहा था। हालांकि, इस नाम पर प्रदेश के बाहर से विरोध शुरू हो गया है।

दरअसल, सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ की भूमिका के आरोपों ने उनके सीएम बनने की राह में अड़चन पैदा कर दी हैं और पार्टी को एक बार फिर से विचार करने पर मजबूर कर दिया है। ऐसे में राहुल गांधी के लिए कमलनाथ के बारे में फैसला लेने आसान नहीं होने वाला है। 

भाजपा ने पंजाब के सीएम का इस्तीफा मांगा
सिख विरोधी दंगों को लेकर दिल्ली भाजपा से विरोध की आवाज उठने लगी है। भाजपा के दिल्ली प्रवक्ता तजिंदर सिंह बग्गा ने देर रात ट्वीट किया और लिखा, 'सुना है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 1984 में हुए सिख नरसंहार के हत्यारे कमलनाथ को बतौर सीएम नियुक्त करना चाहते हैं। यह वही शख्स हैं, जिन्होंने गुरुद्वारा रकाबगंज (हिंद दी चादर गुरु तेग बहादुर जी का दाह संस्कार स्थल) में आग लगा दी थी। यह चीज एक बार फिर से दर्शाती है कांग्रेस सिख विरोधी पार्टी है।'


तजिंदर बग्गा (बाएं), एचएच फूलका (मध्य), कंवर संधू (दाएं)

एक अन्य ट्वीट में बग्गा ने कहा, 'जब राहुल गांधी ने 1984 के सिख हत्याकांड के जिम्मेदार कमलनाथ को पंजाब विधानसभा चुनाव का इंचार्ज बनाया था तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विरोध जताया था, जब तक की उन्हें हटा नहीं लिया गया। अगर राहुल गांधी सिखों के हत्यारे कमलनाथ को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री नियुक्त करते हैं तो कैप्टन अमरिंदर को विरोध जताया जताते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए।'

पंजाब से भी उठे विरोध के स्वर
दिल्ली ही नहीं विरोध के स्वर पंजाब से उठते दिख रहे हैं। खरड़ से आम आदमी पार्टी की टिकट पर विधानसभा पहुंचे कंवर संधू और वरिष्ठ नेता एच एस फूलका ने कमलनाथ की दावेदारी पर ऐतराज जताया है। संधू ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी को ये नहीं भूलना चाहिए कि 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर कमलनाथ के बारे में क्या आम राय है।

फुलका ने कहा- कमलनाथ पर हैं दंगों के दाग
कुछ इसी तरह की बात सिख नेता और वकील एचएस फूलका ने कमलनाथ को लेकर कही। उन्होंने कहा कि भले ही कमलनाथ को 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर किसी आपराधिक कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ा लेकिन अभी भी ऐसे गवाह हैं जो बताते हैं कि कमलनाथ राकबगंज के पास की भीड़ को उकसा रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी होने का दावा करती है। उसे ऐसे लोगों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।  

अकाली दल ने कहा- दंगों के आरोपितों को बचा रहा गांधी परिवार

उधर, अकाली दल ने भी कांग्रेस पर सिख दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का आरोप लगाया है। पार्टी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, 'जब भी गांधी परिवार सत्ता में आता है तो ये लोग 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के जिम्मेदारों को बचाने का काम करते हैं। अब राहुल कमलनाथ को सीएम पद से नवाज रहे हैं।'

उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी शायद ये संदेश देना चाहते हैं कि सिखों की हत्या में शामिल लोगों को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है, वे उनके साथ हैं और उन्हें ईनाम भी देंगे।' सिरसा ने कहा कि अगर राहुल गांधी कमलनाथ को सीएम बनाते हैं तो उन्हें सिखों के गुस्से का सामना करना होगा। 

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